दक्षिण चीन सागर विवाद में उलझे देशों की ताकत
दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन समेत सात देश उलझे हुए हैं. एक नजर इन सातों देशों की नौसैनिक ताकत पर.
चीन
चीन के पास अपना एक विमानवाही पोत है. दूसरे का निर्माण चल रहा है. बीजिंग की नौसेना के पास 53 पनडुब्बियां, 78 बड़े युद्धपोत, 27 छोटे युद्धपोत, 180 गश्ती नावें, 52 एयरक्राफ्ट और 523 कोस्ट गार्ड नावें हैं. नौसैनिकों की संख्या 2,35,000 है.
इंडोनेशिया
इलाके में चीन के बाद इंडोनेशिया सबसे बड़ी नौसैनिक शक्ति है. उसके बेड़े में दो पनडुब्बियां, 12 बड़े विध्वंसक पोत, 27 छोटे युद्धपोत, 19 टैंक लैंडिंग पोत और 43 कोस्ट गार्ड वेसल्स हैं. लेकिन यह भी सच है कि इंडोनेशियाई नौसेना का साजो सामान इलाके में सबसे पुराना है.
सिंगापुर
सिंगापुर की नौसेना के पास 3,000 सैनिक हैं. देश के पास चार पनडुब्बियां, 6 बड़े युद्धपोत, 6 छोटे युद्धपोत, 29 गश्ती नावें और 102 तटरक्षक नावें हैं.
थाइलैंड
विवाद में थाइलैंड सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं, लेकिन भौगोलिक नक्शे के चलते वह भी इस विवाद में शामिल हो जाता है. 44,000 सैनिकों वाली थाइलैंड की नौसेना के पास एक हैलीकॉप्टर कैरियर है. 9 बड़े युद्धपोत है. सात छोटे युद्धपोत है. इसके अलावा 77 गश्ती नावें और 94 कोस्ट गार्ड वेसल्स हैं.
फिलीपींस
24,000 नौसैनिकों वाले फिलीपींस को इस विवाद का सबसे कमजोर खिलाड़ी माना जाता है. देश के पास चार बड़े विध्वंसक युद्धपोत हैं. 10 पुराने और छोटे युद्धपोत हैं. 66 पेट्रोलिंग नावों के साथ फिलीपींस के पास 72 कोस्ट गार्ड शिप हैं.
वियतनाम
वियतनाम बीते कुछ सालों से अपनी नौसेना को मजबूत कर रहा है. 40,000 सैनिकों वाली वियतनामी नौसेना के पास 7 रूसी पनडुब्बियां हैं. 2 विध्वंसक और सात युद्धपोत हैं. देश के पास 61 पेट्रोलिंग बोट्स और 78 कोस्ट गार्ड शिप भी हैं.
मलेशिया
देश के पास दो पनडुब्बियां, 10 विध्वंसक, चार जर्मन मेड युद्धपोत 33 पेट्रोलिंग बोट्स और 317 कोस्ट गार्ड शिप हैं. मलेशिया की नौसेना में 14,000 सैनिक हैं.