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दक्षिण एशिया में अकेला पड़ता भारत

२० फ़रवरी २०१८

क्या भारत अपने पड़ोसियों के बीच अलग थलग पड़ रहा है? नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देश तेजी से चीन के करीब आए हैं.

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Sri Lankas Präsident auf Staatsbesuch in China
तस्वीर: Feng Li-Poo/Getty Images

श्रीलंका में चीनी उपस्थिति कोई छिपी हुई बात नहीं है. आप उन्हें हर जगह पाएंगे. चीनी ड्रेजिंग (समुद्री पानी को साफ करने वाले) जहाजों को खुले तौर पर काम करते हुए देखा जा सकता है. हंबनटोटा बंदरगाह पर काम शुरू हो गया है. शॉपिंग मॉल से लेकर पब तक हर जगह चीनी श्रमिक नजर आएंगे. कई चीनी श्रीलंका की भाषा सिंहली बोलना सीख रहे हैं. होटल, सड़कों, बुनियादी ढांचों, थिएटरों और सुख-सुविधाओं से लैस क्रिकेट स्टेडियम केवल कागजों पर लिखी परियोजना भर नहीं हैं, बल्कि लोग उन्हें देख सकते हैं. आंखों देखी चीजों के महत्व को कभी भी कम करके आंका नहीं जाना चाहिए और जिस गति से चीन यहां परियोजनाओं को अंजाम दे रहा है, वह इस बात की बानगी है कि श्रीलंका में रियल एस्टेट परिवर्तन तेजी से हो रहा है.

बार बार उलझ रहे हैं भारत और चीन

2005-17 के बीच 12 वर्षों की अवधि में बीजिंग ने श्रीलंका की परियोजनाओं में 15 अरब डॉलर का निवेश किया है. वहीं, चीन के एक राजदूत भारत को एक स्पष्ट संदेश दे चुके हैं, जो श्रीलंका में चीनी उपस्थिति को अपने प्रभाव क्षेत्र में घुसपैठ के रूप में देखता है. राजदूत ने भारत को स्पष्ट जवाब देते हुए कहा था, "कोई नकारात्मक ताकत श्रीलंका और चीन के बीच सहयोग को कमजोर नहीं कर सकती है."

भारत के लिए यह परेशान करने वाला है. भारतीय विदेश नीति समय की कसौटी पर खरा उतरे संबंधों पर काफी भरोसा करती है, लेकिन श्रीलंकाई लोगों में उम्मीदों की अधीरता रही है, जिन पर भारत ध्यान देने और प्रतिक्रिया करने में विफल रहा और चीन सफल रहा है.

श्रीलंकाई लोगों के मुंह से अक्सर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे चीनी उपस्थिति से कितने असंतुष्ट और नाखुश हैं, जो काफी कठोर और अभिमानी हैं. इसे एक खतरे को गले लगाने के रूप में समझा जा सकता है, लेकिन जब उनके मन-मस्तिष्क में एक समृद्ध भविष्य की इच्छा उभरती है तो वे इस मौके को काफी आकर्षक पाते हैं.

वहीं, दूसरी ओर भारत सभी ओर से अलग-थलग पड़ता जा रहा है. पाकिस्तान से दुश्मनी है. मालदीव अस्थिर है. नेपाल की स्थिति लगभग असमजंस से भरी है और श्रीलंका एक स्पष्ट लुभावने मायाजाल में फंसा है. भारत वास्तव में इस समय अब तक की सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा है.

अगर भारत को एक साथ मिलकर काम करना है तो इसके लिए केवल कल्पना की नहीं, बल्कि गति और दक्षता की जरूरत है, ताकि श्रीलंका के भविष्य को लेकर किए गए वादे पूरे हो सकें.

दिग्गज शतंरज खिलाड़ी बॉबी फिशर ने एक बार कहा था, "अगर आप खेल खेल रहे हैं तो आप जीतने के लिए खेलें, लेकिन अगर आप खेल हार गए तो वह इसलिए क्योंकि आपने अपनी आंखों को प्यादों से हटा लिया था, इसलिए आप हारने के ही लायक थे."

अमित दासगुप्ता (आईएएनएस)