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थाइलैंड मे अब गले लगाने की बातें

२१ मई २०१०

बैंकॉक में सैनिक बलप्रयोग और ख़ूनख़राबे के बाद अब राष्ट्रीय मेलमिलाप की बातें हो रही हैं. प्रधानमंत्री अभिसीत वेज्जाजीवा ने एक टेलिविज़न अभिभाषण में देश की जनता को संबोधित किया.

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अभिसीत वेज्जाजीवातस्वीर: AP

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री अभिसीत ने कहा कि हमने बैंकॉक और देश के अन्य प्रदेशों में क़ानून व्यवस्था बहाल कर दी है. पिछले दिनों की घटनाओं की निष्पक्ष जांच होगी. हिंसा फैलाने के दोषियों को सज़ा मिलेगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुनर्मिलाप की उनकी योजना का यह सब भी हिस्सा है, "यह योजना सहभागिता, न्याय और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर आधारित है. हम क़ानून को अपने रास्ते पर चलने देंगे और संसद को देश की समस्याएं जनता के सभी वर्गों की सहभागिता के साथ हल करने का मौक़ा देंगे,"

Superteaser NO FLASH Thailand nach den Unruhen in Bangkok
बैंकॉक की सफाईतस्वीर: AP

प्रेक्षक थाई प्रधानमंत्री के इन शब्दों को बहुत गोलमटोल मानते हैं, क्योंकि उनसे ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता कि देश में मध्यावधि चुनाव होंगे या वर्तमान संसद ही चलती रहेगी. सैनिक बलप्रयोग से पहले वे नये चुनाव कराने की बात कह चुके थे, लेकिन पिछले सप्ताह अपनी बात से मुकर गये थे. बैंकॉक में दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे और धरना दे रहे सरकार आलोचकों की मुख्य मांग यही थी कि प्रधानमंत्री को हट जाना चाहिये और देश में नये चुनाव होने चाहिये.

ऐसा नहीं लगता कि प्रधानमंत्री अभिसीत वेज्जाजीवा की लच्छेदार बातों से प्रदर्शनकारियों को कोई सच्ची राहत मिलेगी. इस बीच थके-हारे प्रदर्शनकारी अपने गांवों को लौटने लगे हैं और बैंकॉक में पिछले दिनों की आगजनी और विध्वंस लीला के निशानों को मिटाने का काम ज़ोरों से शुरू हो गया है. एक सप्ताह चली हिंसा और प्रतिहिंसा ने 52 प्राणों की बलि ली और 400 से अधिक लोग घायल हो गये.

रिपोर्ट: एजेंसियां/राम यादव

संपादन: महेश झा