थाइलैंड में 7 प्रदर्शनकारियों की मौत
१४ मई २०१०इसके अलावा प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे एक और विद्रोही मेजर जनरल खट्टिया सावासडिपोल के सिर पर गोली चलाई गई थी. सेह डाएंग या कमांडर रेड के नाम से परिचित नेता की हालत गंभीर बताई गई है. इस बीच पता चला है कि एक विदेशी टीवी पत्रकार भी गोली से घायल हो चुके हैं.
लगभग छह हफ़्तों से बैंकाक के व्यापारिक केंद्र में विपक्षी रेड शर्ट प्रदर्शनकारियों का धरना जारी है. इस इलाके को खाली कराने के सरकारी इरादे के बावजूद अभी तक सारी सड़कें सील नहीं की जा सकी हैं. सरकार के प्रवक्ता पानिटान वाट्टानायागोर्न का कहना है कि इलाके को सील करने का अभियान शुरू हो चुका है. इसमें कुछ वक्त लगेगा.
अप्रैल से शुरू हुए इस संकट में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1400 से अधिक घायल हैं. पिछले 18 सालों की इस सबसे भयानक राजनीतिक हिंसा की लहर के चलते राजधानी का व्यवासायिक जीवन ठप सा हो चुका है. देश के पर्यटन उद्योग पर इसका घातक प्रभाव पड़ा है और विदेशी पूंजी निवेश भी घट गया है.
प्रधानमंत्री अभिसित वेजाजिवा पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वे बैंकाक को प्रदर्शनकारियों से खाली कराएं. स्थिति पर नज़र रखने वाली इयुरेशिया ग्रुप पोलिटिकल रिस्क कंसलटेंसी नामक संस्था की रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़कों को खाली कराने के मौके काफ़ी अच्छे हैं. लेकिन उससे देश की राजनीतिक हालत में शायद ही कोई बेहतरी आएगी. थाइलैंड आनेवाले वर्षों में राजनीतिक अस्थिरता का शिकार बना रहेगा.
बैंकाक के केंद्र में दूतावासों और व्यवासायिक केंद्रों को खाली करा लिया गया है. रिहायशी इलाके भी खाली कराए गए हैं. सरकार की ओर से चेतावनी दी गई थी कि वहां बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर दी जाएगी. इस बीच कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है और मोबाइल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं.
आने वाले दो तीन दिन काफ़ी निर्णायक हो सकते हैं. प्रेक्षकों का मानना है कि सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में हिंसा का एक नया स्तर देखने को मिल सकता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ए जमाल