थाइलैंड में प्रदर्शनकारियों का खाना पीना बंद
१३ मई २०१०सुरक्षाबलों को आदेश दिया गया है कि वे कई दिनों से धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को घेर लें और उनके पास खाने पीने की चीज़ें न पहुंचने दें. सरकार नगरकेंद्र के लिए पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद कर देना चाहती थी. पर इससे वहां रहने वाले लोगों तथा बड़े होटलों और दूतावासों को भी परेशानियां होतीं, इसलिए इस विकल्प पर फिलहाल अमल नहीं किया जाएगा.
प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए ज़िम्मेदार सैनिक इकाई के प्रवक्ता सांसेर्न कैव्कामनर्द ने कहा कि उनके सैनिक शाम छह बजे रचप्रासोंग सड़क को घेर लेंगे. धरना दे रहे प्रदर्शनकारी इसी सड़क पर डेरा डाले हुए हैं. सांसेर्न ने कहा कि यह घेराव दरअसल पिछली मध्यरात्रि को ही हो जाना चाहिए था.
प्रधानमंत्री अभिसीत वेजाजीवा ने नवंबर में चुनाव की अपनी पिछली घोषणा भी वापस ले ली है. प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार की रियायत के बावजूद प्रदर्शन बंद नहीं हुए, बल्कि प्रदर्शनकारी नई मांगें करने लगे हैं. इसलिए रियायत का अब कोई तुक नहीं रह गया.
प्रदर्शनकारियों की नई मांगें यह हैं कि हिंसात्मक बल प्रयोग करने वाले सुरक्षाबलों के खिलाफ कार्रवाई हो और संसद भंग किए जाने की सही तारीख बताई जाए.
सेना घेराबंदी के लिए बख्तरबंद गाड़ियों का भी उपयोग करेगी. तीन किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों से कहा गया है कि वे शुक्रवार को अपना कामकाज बंद रखें.
प्रेक्षकों को आशंका है कि प्रदर्शनकारियों की घेरेबंदी से शायद ही कुछ हासिल होगा. धरना दे रहे लोगों ने अपने खाने पीने के लिए इतनी सामग्रियां जमा कर रखी हैं कि वे लंबे समय तक सुरक्षा बलों को छका सकते हैं. पिछले दिनों में कई बार यह भी देखने में आया है कि सैनिक और पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं. उन्हें निगरानी चौकी पार करने देते हैं और कई बार तो उनसे हाथ भी मिला लेते हैं. ऐसे में, सबसे अधिक संभावना इसी बात की लगती है कि घटनाक्रम में नए मोड़ से दोनो पक्षों के बीच हिंसक टकराव बढ़ेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/राम यादव
संपादनः ए जमाल