तेल कुएं को हमेशा के लिए बंद कर सकती है बीपी
२९ जुलाई २०१०इसकी वजह से बीपी को जो घाटा हुआ है, उसकी भरपाई के लिए कंपनी कुछ संपत्ति बेचने के बारे में भी सोच रही है. अमेरिका में कंपनी का कामकाज देख रहे बॉब डूडले ने कहा है कि कंपनी सफाई के काम में शामिल रहेगी. मौजूदा सीईओ टोनी हेवर्ड के जाने के बाद डूडली को कंपनी की कमान सौंपी जा सकती है. डूडली ने उम्मीद जताई है कि तेल रिसाव की वजह से पर्यावरण को हुए नुकसान की भी जल्द भरपाई कर ली जाएगी.
नेशनल पब्लिक रेडियो पर डूडली ने कहा, “ऐसा संभव है कि सोमवार या मंगलवार तक इस कुएं को बंद कर दिया जाए. कुछ भी तय नहीं है. पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता. मुझे उम्मीद है और मैं ऐसा मानता हूं कि अब समुद्र में तेल के बहने का अंत हो चुका है.”
ब्रिटिश पेट्रोलियम के लिए यह संकट बहुत नुकसानदायक साबित हुआ है. उसके खिलाफ आपराधिक जांच शुरू हो गई है. इस बात की जांच की जाएगी कि बीपी और अन्य कंपनियों ने नियामकों और निवेशकों को गुमराह किया या नहीं. अमेरिका के अंटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने कहा है, “जांच जारी है. सिविल जांच भी होगी और आपराधिक जांच भी. इस जांच में बेशक बीपी भी शामिल है.”
इसके अलावा कंपनी के खिलाफ कई निजी मुकदमे भी दायर किए गए हैं जिनमें रिसाव की वजह से हुए नुकसान की एवज में मुआवजों की मांग की गई है. इस तेल रिसाव ने मछली उद्योग के अलावा पर्यटन को भी बुरी तरह प्रभावित किया. कंपनी अब तक उन लोगों को 25.6 करोड़ डॉलर दे चुकी है, जिन्हें इसकी वजह से नुकसान झेलना पडा. इसके अलावा अगस्त में भी वह 6 करोड़ डॉलर देने की तैयारी कर रही है.
इस भारी भरकम नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए भारत की कंपनी रिलायंस और एस्सार से बातचीत हो रही है. बीपी अफ्रीका में अपनी कुछ संपत्ति बेच सकती है. एक अनुमान के मुताबिक इसकी कीमत 50 करोड़ डॉलर लगाई गई है. इसके अलावा इंडोनेशिया में भी कंपनी की एक यूनिट का पूर्व मूल्यांकन कराया गया है, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस यूनिट को भी बेचा जा सकता है. हालांकि बीपी के इंडोनेशिया में अध्यक्ष विलियम लिन ने इससे इनकार किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़