तेजाबी हमले जघन्य अपराध बनेंगे
२४ दिसम्बर २०१४भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तेजाबी हमलों की वारदात पर रोक लगाने के लिए कुछ नए उपायों को मंजूरी दी है. तेजाब की बिक्री का वेब एप्लीकेशन के जरिए नियमन भी इनमें शामिल है. वेब एप्लीकेशन पर स्टॉकिस्ट और खुदरा विक्रेताओं के पंजीकरण, जिला प्रशासन द्वारा लाइसेंस जारी करने, पहचान पत्र या पते का साक्ष्य देने के बाद ही किसी व्यक्ति को तेजाब की बिक्री करने देने जैसी व्यवस्था है.
सरकार इससे पहले भी तेजाब की बिक्री नियमित करने, इस अपराध के लिए दंड बढ़ाने और पीडितों को मुआवजा देने जैसे उपाय कर चुकी है. नयी घोषणाओं के तहत तेजाब हमले से पीड़ित लोगों का इलाज अस्पतालों में मुफ्त किया जाएगा. पीड़ित के इलाज पर होने वाला खर्च गृह मंत्रालय उठाएगा. इसके अलावा तेजाब हमलों के पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए इन मामलों की सुनवाई निर्धारित समय में पूरा करने पर भी विचार किया जा रहा है.
गृह मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि ऐसे सभी मामलों में जघन्य अपराध होने के कारण अधिकतम आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा संभव है. फौजदारी कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 के तहत एसिड हमले के मामले में दोषी करार दिया गए व्यक्ति को 10 साल या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. ऐसे अपराधों की सुनवाई आईपीसी की धारा 376ए के तहत 60 दिनों में पूरी होने की बात कही गई है. गृह मंत्रालय अब अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में उपयुक्त संशोधन कर जघन्य मामलों की समयबद्ध तरीके से जांच और सुनवाई पूरी करने का प्रावधान करने की योजना बना रहा है.
दो दिन पहले पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन में दो बदमाशों ने एक महिला डॉक्टर पर तेजाब फेंक दिया था. पुलिस के मुताबिक हरिनगर इलाके की रहने वाली डॉक्टर सुबह अस्पताल जा रही थी जब मार्केट के पास मोटरसाइकिल सवार दो बदमाशों ने पीछे से उस पर तेजाब फेंका. डॉक्टर का दाहिनी तरफ का चेहरा झुलस गया है. उसे एम्स के ट्रॉमा सेन्टर में भर्ती कराया गया है. महिला डॉक्टर पर ऐसे समय में तेजाबी हमला हुआ है जब दिल्ली के जंतर मंतर पर पीड़ित उचित पुनर्वास और सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
एए/एमजे (वार्ता, एजेंसियां)