तुर्की का बढ़ता आर्थिक महत्व
जब तुर्की में विफल हो गए सैनिक विद्रोह की पहली खबर आई तो सबसे पहले एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले बोस्फोरस के पुल की नाकेबंदी की तस्वीरें आईं. इसने अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट रूट के रूप में तुर्की के बढ़ते महत्व की याद दिलाई.
बोस्फोरस
बोस्फोरस जलमार्ग तेल के परिवहन में दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण चेकप्वाइंट्स में एक है. रोजाना होने वाली तेल की वैश्विक आपूर्ति का 3 प्रतिशत यानी 30 लाख बैरल काला सागर और नारमरा सागर और अंततः भूमध्य सागर को जोड़ने वाले 27 किलोमीटर लंबे पानी के रास्ते से गुजरता है.
अहम रास्ता
एक जगह पर सिर्फ 800 मीटर चौड़ा रास्ता दुनिया के सबसे कठिन जलमार्गों में शामिल है. विश्व के सबसे व्यस्त नौवहन मार्गों में शुमार इस रास्ते से हर साल 48,000 जहाज गुजरते हैं. विश्व का एक चौथाई अनाज निर्यात इस रास्ते से होता है, यहां से रूस के सैनिक पोत भी भूमध्य सागर की ओर जाते हैं.
तेल निर्यात
बोस्फोरस तेल निर्यात का भी प्रमुख रास्ता है. कैस्पियन सागर पर स्थित देशों का तेल चेहान पोर्ट जैसे तुर्की के निर्यात टर्मिनलों तक बोस्फोरस से होकर जाने वाले पाइप लाइनों के जरिये ही पहुंचता है. अजरबेजान और कजाखस्तान जैसे देश यहां से 7 लाख बीपीडी तेल भेजते हैं.
चेहान पोर्ट
चेहान का बंदरगाह इराक के कुर्दिस्तान से आने वाले एक तेल पाइप लाइन का भी अंतिम पड़ाव है. इसकी मदद से 5 लाख बीपीडी तेल विश्व बाजार को पहुंचता है. तुर्की के सैनिक विद्रोह का तेल की सप्लाई पर कोई असर नहीं हुआ. सेंट्रल एशिया और इराकी कुर्दिस्तान से तेल की आपूर्ति जारी रही.
खुद बड़ा खरीदार
तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के लिए ट्रांजिट का रास्ता होने के अलावा तुर्की खुद इन उत्पादों का बहुत बड़ा खरीदार भी है. तुर्की यूरोप के पांच सबसे बड़े गैस उपभोक्ताओं में शामिल है. वह करीब 10 लाख बीपीडी तेल का संशोधन करता है. इस हिसाब से वह यूरोप के सात चोटी के तेल उपभोक्ताओं में शामिल है.
अनाज और सोना
रूस से गेहूं का आयात करने वाला मिस्र के बाद दूसरा सबसे बडा़ देश तुर्की ही है. जुलाई 2015 से मई 2016 के बीच उसने 30 लाख टन गेहूं आयात किया है. इसके अलावा वह काला सागर के बंदरगाहों के जरिये जौ और मक्के का भी आयात करता है. 2015 में उसने 72 टन सोने का आयात किया है.