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तिरंगे पर राजनीति से गडकरी का इनकार

२६ जनवरी २०११

भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने श्रीनगर के लाल चौक तक एकता यात्रा रोके जाने और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. राष्ट्रीय ध्वज पर राजनीति से गडकरी ने इनकार किया है.

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तस्वीर: UNI

गडकरी ने कहा, "कुछ लोगों का कहना है कि लाल चौक पर झंडा फहराने के पीछे हम राजनीति कर रहे हैं. मुझे समझ में नहीं आता कि झंडा फहराने के पीछे क्या राजनीति हो सकती है. यह राजनीति नहीं, बल्कि हमारा फर्ज है." गडकरी ने आरोप लगाया कि केंद्र और जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्लाह सरकार अलगाववादियों के दबाव के आगे झुक रहे हैं.

Srinagar Haupstadt des indischen Bundesstaates Jammu und Kaschmir
लाल चौकतस्वीर: UNI

बीजेपी नेता अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार को हिरासत में लिए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कुछ पार्टी कार्यकर्ता लाल चौक पर झंडा फहराने में कामयाब हो जाएंगे.

श्रीनगर में लाल चौक के पास आने की कोशिश कर रहे दो बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच पूर्व पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने गडकरी के अनुरोध पर अपनी भूख हड़ताल तोड़ दी है. "मैंने उनसे आग्रह किया कि राष्ट्रीय उत्सव के दिन आपको हड़ताल पर नहीं बैठना चाहिए."

पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा है कि पार्टी अपने उन नेताओं से संपर्क नहीं कर पा रही है जिन्हें हिरासत में लिया गया है. श्रीनगर में लाल चौक के आस पास के इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं और ऐसी रिपोर्टें हैं कि पत्रकारों को भी वहां नहीं जाने दिया जा रहा है. सुरक्षा बलों का कहना है कि किसी भी उस इलाके में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

अलगाववादी नेता यासीन मलिक भी धमकी भरे अंदाज में कह चुके हैं कि वह देखेंगे कि कौन लाल चौक पर तिरंगा फहराता है. उसके बाद से ही सुरक्षा बल जोखिम मोल लेने के लिए तैयार नहीं हैं. लाल चौक तक अलगाववादियों ने मार्च की घोषणा की है लेकिन पुलिस ने कई अलगावादियों को गिरफ्तार कर लिया है.

बीजेपी और जम्मू कश्मीर सरकार में तनाव को कम करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने बीजेपी नेता अरुण जेटली से बात की और उन्हें गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लेने की अपील की है. भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा ने कोलकाता से श्रीनगर तक मार्च निकालने और लाल चौक पर तिरंगा फहराने की घोषणा की थी, लेकिन उसकी एकता यात्रा विवादों में घिर गई.

राज्य और केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बीजेपी से एकता यात्रा रोकने की अपील की लेकिन इसके बाद से ही राजनीतिक टकराव देखने को मिला है. बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने श्रीनगर तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन उन्हें जम्मू से आगे नहीं जाने दिया गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एमजी

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