तस्वीरों में कैद वो लम्हे जिन्हें भुलाना मुमकिन नहीं
तस्वीरों के सहारे हम इतिहास को जिंदा रखते हैं. देखिए ऐसी कुछ घटनाओं की तस्वीरें जिन्हें शायद ही कोई भारतीय भूल पाए.
कन्हैया
जेएनयू छांत्र संघ अध्यक्ष कन्हैया को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद अदालत ले जाया गया और वहां उन पर वकीलों ने हमला कर दिया. उसके बाद छपी इस तस्वीर ने पूरे भारत को दो हिस्सों में बांट दिया. एक हिस्सा कन्हैया के साथ था और दूसरा उसके खिलाफ.
अन्ना आंदोलन
साल 2011 में समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन किया. अन्ना को लोगों का समर्थन मिला. रामलीला मैदान में उनका समर्थन करने एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचे. इस अनशन को खत्म करवाने के लिए सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी.
गुजरात का नरसंहार
2002 के गुजरात दंगों की यह तस्वीर बहुसंख्यकों की हिंसा का एक ऐसा प्रतीक बन गई कि इस तस्वीर में दिख रहे युवक की जिंदगी भी बदल गई. आज वह खुद अपनी इस तस्वीर पर शर्मिंदा है.
छर्रों की पीड़ित
कश्मीर की 12 साल की यह बच्ची सुरक्षाकर्मियों के चलाए छर्रों में अपनी आंखें खो बैठी. अखबारों में जब इसकी तस्वीर छपी तो सब सहम गए. छर्रों पर बहस शुरू हो गई. अब सरकार नए उपाय तलाश रही है.
पुलवामा हमला
14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले में 46 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में बम गिराए थे. इसके जवाब में पाकिस्तान ने कार्रवाई की और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.
रेप की पीड़ा
निर्भया कांड के बाद जब आहत युवा दिल्ली में सड़कों पर उतरे तो इस तस्वीर ने वायरल होकर ऐसा आंदोलन खड़ा किया कि रेप के खिलाफ कानून तक को बदल जाना पड़ा.
बाबरी विध्वंस
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के गुंबद पर चढ़े इन युवकों की तस्वीर ने भारत के सामाजिक तानेबाने को तहस-नहस कर दिया. 6 दिसंबर 1992 की फोटो के बाद पूरे भारत में भयानक दंगे हुए और फिर आतंकवाद के एक ऐसे सिलसिले के शुरुआत हुई जो आज तक जारी है.
आतंकवादी कसाब
2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकी अजमल आमिर कसाब की तस्वीर सामने आई थी. ये तस्वीर सीएसटी स्टेशन पर ली गई थी. इसी रात कसाब को पकड़ लिया गया था. 2012 में कसाब को फांसी दे दी गई थी.
गोधरा की जलती ट्रेन
साबरमती एक्सप्रेस के जले हुए एस-6 कोच की यह तस्वीर आजाद भारत के सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगों की वजह बना. 28 फरवरी 2002 को अखबारों में छपी इस तस्वीर ने हर भारतीय के मन को दहला दिया था.
भोपाल की भयानक याद
पीछे पोस्टर में आप एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो देख पा रहे हैं? जमीन में दबी इस लाश की फोटो मशहूर फोटोग्राफ रघु राय ने 1984 में भोपाल गैस कांड के बाद खींची थी. आज भी यह तस्वीर सिहरन पैदा कर देती है.
राजीव गांधी की आखिरी तस्वीर
इस तस्वीर के कुछ पलों बाद राजीव गांधी बम धमाके में मारे गए थे. अपनी हत्यारिन के हाथों फूल माला पहनते राजीव गांधी की इस तस्वीर ने भारतीय जनमानस को झकझोर दिया था.
महात्मा गांधी की शव यात्रा
आजाद भारत की शायद यह पहली ऐसी तस्वीर थी जिसने हर भारतीय की आंख को भिगो दिया था.