ड्रग्स की चपेट में थाई महिलाएं
२५ जून २०१४27 साल की मे 20 'याबा' गोलियों के साथ रंगे हाथों पकड़ी गईं. उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई. याबा एक नशीली दवा है जिसकी लत थाइलैंड के हजारों टैक्सी चालकों और छात्रों को है. मे गुनाह कबूल करते हुए कहती हैं, "मेरे पास व्यक्तिगत इस्तेमाल से ज्यादा याबा थी और मुझ पर इसे बेचने की धारा लगी." मे का मंगेतर भी याबा या मैथ टेबलेट की तस्करी के आरोप में जेल में है. असल में इस नशीली दवा का नाम मैथएमफेटैमाइन है.
मे जेल में अकेली नहीं हैं. उनका मासूम बच्चा भी उनके साथ कैद हो चुका है. जल्द रिहाई की कोई उम्मीद नहीं. थाइलैंड के एंटी ड्रग्स कानून दुनिया के सबसे कड़े कानूनों में हैं. निर्धारित मात्रा से ज्यादा मादक पदार्थ रखने पर थाइलैंड में तीन साल की सजा आम है.
मैथ की बरामदगी के मामले में थाइलैंड चीन के बाद एशिया में दूसरे नंबर का देश है. 2012 में देश में 9.5 करोड़ मैथ टैबलेट जब्त की गईं. यूएन के ड्रग्स और क्राइम विभाग के मुताबिक 2008 में की तुलना में यह पांच गुना ज्यादा है. 2012 में सिर्फ मैथ गोलियों के चक्कर में करीब दो लाख लोगों की गिरफ्तारियां हुईं. उसी साल विदेशों में भी थाइलैंड की 69 महिलाएं इन गोलियों के साथ पकड़ी गईं. विदेशों में गिरफ्तार होने वाले पुरुषों की संख्या सिर्फ तीन थी.
थाइलैंड की जेलों में इस वक्त करीब 42,000 महिलाएं बंद हैं. इनमें से आधी महिलाएं मैथ या याबा के चक्कर में पकड़ी गई हैं. कैदियों के लिंग अनुपात के हिसाब से इतनी महिलाएं और किसी देश में कैद नहीं हैं.
राजधानी बैंकॉक के उत्तर में अयुथाया जेल है. वहां मे समेत 650 महिलाएं कैद हैं. इनमें से 80 फीसदी मैथ दवा की तस्करी में पकड़ी गईं. 23 साल की सवापा अपने पड़ोसी को याबा गोलियां बेचते हुए पकड़ी गईं. जेल में वो पढ़ाई लिखाई करती हैं. चाहती हैं कि सजा पूरी होने के बाद फिर से यूनिवर्सिटी जाएं, लेकिन जेल से रिहाई 2018 में मिलेगी.
सामाजिक संगठनों के मुताबिक कैदियों में जवान तलाकशुदा महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. कुछ महिला कैदी बच्चों का पेट भरने के लिए ड्रग्स की तस्करी से जुड़ीं तो कुछ को दोस्तों ने धोखा दिया. कुछ ऐसी भी हैं जो मजाक के दौरान कानून के लपेटे में आ गईं. जेल में महिलाओं के लिए कई सुधार कार्यक्रम चलाए गए हैं. उनसे होने वाली आय महिलाओं के खाते में डाली जाती है ताकि सजा पूरी होने के बाद उनके पास नया जीवन शुरू करने के लिए कुछ पूंजी हो. लेकिन देश को ड्रग्स की तस्करी से कैसे बाहर निकाला जाए, इसका जबाव फिलहाल सरकार के पास भी नहीं.
ओएसजे/एजेए (एएफपी)