डॉक्टर के हाथों 200 से ज्यादा को एचआईवी
३ दिसम्बर २०१५यह घटना गरीब देशों में निम्न दर्जे की स्वास्थ्य सेवा की समस्या को उजागर करती है जहां लोग नौसिखिये और बगैर लाइसेंस के इलाज कर रहे डॉक्टरों पर निर्भर होने को मजबूर होते हैं. पश्चिमी बाटमबांग प्रांत के रोका गांव में डॉक्टरी का पेशा करने वाले इस व्यक्ति को पहले से इस्तेमाल की हुई सूई मरीजों पर बार बार इस्तेमाल करने का दोषी पाया गया.
कंबोडिया में पिछड़े इलाकों में रहने वाली ज्यादातर गरीब आबादी के पास रोजमर्रा की बीमारियों ने निपटने के लिए यही गली नुक्कड़ पर बैठे डॉक्टर सस्ते और आसान विकल्प हैं. विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक गरीब एशियाई देश कंबोडिया में प्रति दस लाख व्यक्ति डॉकटरों की उपलब्धता 2 है. ठीक अफगानिस्तान जैसी स्थिति. इसी तरह म्यांमार में दस लाख लोगों के लिए सिर्फ 4 डॉक्टर उपलब्ध हैं. जबकि फ्रांस में यही संख्या 32 है.
कंबोडिया के ज्यादातर डॉक्टरों के पास पेशे का लाइसेंस नहीं है और वे खुद से इलाज के कुछ गुर सीख कर इस पेशे में जमे हैं. लेकिन डॉक्टर की लापरवाही से 200 से ज्यादा लोगों के एचआईवी से संक्रमित होने की घटना ने पूरे देश को झटका दिया है, सरकार ने वादा किया है कि वह बगैर लाइसेंस स्वास्थ्य सेवा दे रहे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी.
लोयम लोर्न और उनके परिवार के चार अन्य सदस्य इस डॉक्टर के हाथों एचआईवी संक्रमित हुए हैं. उन्होंने अदालत के बाहर कहा, "हम उसके शिकार हैं. हमें बाद में पता चला कि हम संक्रमित हैं." उन्होंने बताया कि उन्हीं की तरह संक्रमित हुए गांव के 10 वृद्ध अब इस दुनिया में नहीं हैं.
एसएफ/एमजे (एएफपी)