डानी आल्वेस और केला
बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के डानी आल्वेस पर केला फेंक कर उन पर नस्लवादी टिप्पणी करने की कोशिश की गई. और इसका जवाब उन्होंने दिया केला खा के. इसका असर कुछ ऐसा हुआ कि उनके समर्थन में ट्विटर पर कई लोग केला खाते दिखाई दिए.
नस्लवाद का जवाब
आल्वेस ने खेल के बाद कहा, "मुझे नहीं पता कि किसने केला फेंका था लेकिन मैं उसे धन्यवाद देना चाहता हूं कि उसने मुझे अगले दो कॉर्नर के लिए ऊर्जा दी. और मैं गोल कर सका."
साथी खिलाड़ियों की मदद
उनके बाद पहले जो ट्विटर पर केला खाते दिखाई दिए वो थे, नेमार. बार्सिलोना में वह आल्वेस के साथी हैं और ब्राजीलियाई राष्ट्रीय टीम में खेलते हैं. उन्होंने अपने एक करोड़ फॉलोअरों के लिए ये तस्वीर पोस्ट की.
कई शिकार
फुटबॉल मैदान पर नस्लवादी टिप्पणियों का शिकार होने की खबर नई नहीं है. इटली के मारियो बालोटेली भी कई बार इसका शिकार हो चुके हैं. वे अच्छे से जानते हैं कि ऐसी टिप्पणियों का क्या असर होता है.
इंग्लैंड से
भले ही लीवरपूल की टीम को हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन खेल में नस्लवाद के खिलाफ अभियान में इंग्लैंड के फिलिपे कोटीन्हो और लुईस सुआरेज भी केला खा कर शामिल हुए. और एक बार फिर इस तरह टिप्पणी करने वालों को धता बताई.
सहानुभूति की लहर
बनाना एक्शन ने जैसे फुटबॉल की पूरी दुनिया को एक साथ खड़ा कर दिया हो. तस्वीर में अर्जेंटीना के सेर्गियो ऑगेरो ब्राजील की टॉप खिलाड़ी मार्था के साथ केला खा रहे हैं.
प्रधानमंत्री भी
नो टू रेसिज्म कहने वालों में सिर्फ खिलाड़ी ही शामिल नहीं हैं. तस्वीर में इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंजी राष्ट्रीय टीम के कोच सिसारे प्रांडेली के साथ केला खा रहे हैं.
फिनलैंड से
वैसे तो फिनलैंड में केला मिल पाना मुश्किल है. लेकिन फिर भी हेलसिंकी की एचजेके टीम आल्वेस के साथ है.