ट्विटर पर छाया ग्रीनपीस कांड
१६ जून २०१५महिला का आरोप है कि उसके सहकर्मियों ने अलग अलग मौकों पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया. इस बात की उसने शिकायत भी की लेकिन ग्रीनपीस की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. कुछ वक्त पहले इस महिला ने फेसबुक पर अपनी आपबीती लिखी, जिसके बाद ग्रीनपीस ने माफी मांगी.
ट्विटर पर एक यूजर ने ग्रीनपीस के अध्यक्ष समित आइश पर उंगली उठाते हुए लिखा है, "तो क्या भारत के जंगल बचाने के नाम पर समित आइश यौन अपराधियों को बचाते रहे हैं?" एक अन्य यूजर ने लिखा है कि इस मामले में ग्रीनपीस के साथ जरा भी नर्मी नहीं बरती जानी चाहिए.
मोदी सरकार और ग्रीनपीस के बीच पिछले कुछ वक्त से विवाद चल रहा है. हाल ही में सरकार ने भारत में ग्रीनपीस के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था. इसके अलावा ग्रीनपीस के कई कर्मचारियों को भारत के बाहर जाने की भी अनुमति नहीं है. कई लोग इन दोनों मामलों को जोड़ कर देख रहे हैं और इसे सरकार द्वारा ग्रीनपीस के खिलाफ की जाने वाली साजिश भी मान रहे हैं. इस बारे में एक यूजर ने लिखा है कि यह जरूरी है कि इन दोनों मामलों को एक दूसरे से जोड़ कर ना देखा जाए. एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि जो लोग इसे राजनीतिक मुद्दा बता रहे हैं, उन्हें दोबारा सोचने की जरूरत है.
ट्विटर पर लोग दोषियों के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और सवाल कर रहे हैं कि जो संस्था अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती, वह पर्यावरण को क्या बचाएगी.
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इसके अलावा सरकार के साथ हुए विवाद के दौरान ग्रीनपीस का समर्थन करने वाली कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की भी ट्विटर पर कड़ी आलोचना हो रही है.
आईबी/एमजे