ट्रेन में पैरों के लिए खास डिब्बा
५ मार्च २०१४जापान का पूर्वी रेल्वे विभाग इस सुविधा को जुलाई से बुलेट ट्रेन में लाने की बात कर रहा है. ट्रेन के एक डिब्बे में करीब ढाई मीटर लंबे कुछ टब होंगे. जापान में हर रोज नहाना दिनचर्या का अहम हिस्सा है. लेकिन ट्रेन में पैरों को गुनगुने पानी में धोने का सफाई से कोई लेना देना नहीं. इसका मकसद है लोगों के पांव को राहत दिलाने में मदद करना.
इस खास ट्रेन को टोरीयू नाम दिया गया है. जापानी भाषा में यू का मतलब है गर्म पानी. इस टब के अलावा ट्रेन में एक डिब्बे में बार काउंटर भी होंगे. जापान में मेज के साथ जमीन पर बैठ कर खाना खाने का रिवाज है. इस डिब्बे में फर्श पर चटाई और लकड़ी की मेजें भी होंगी. इस तमाम इंतजाम के बीच मुसाफिरों को न सिर्फ पैरों को गर्म पानी में धोने, बल्कि चलने फिरने और नीचे बैठ कर खाने की सुविधाएं मिलेंगी. इनसे एक जगह पैर लटका कर बैठने से होने वाली सूजन को टाला जा सकेगा.
जापान के पूर्वी रेल विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "हम यात्रियों को ऐसी सुविधाएं देने की कोशिश कर रहे हैं जो खुद अपने आप में सफर करने की वजह बन जाएं." ट्रेन फुकुशिमा से शिंजो के बीच 148 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. इस ट्रेन के पीछे एक और मकसद है, जापान में पर्यटकों को लुभाना. इसलिए इसे सप्ताहांत में ही चलाया जाएगा. ट्रेन के रास्ते में आने वाला ज्यादातर इलाका चेरी और नाशपाती जैसे फलों और चावल की खेती के लिए जाना जाता है.
जापान की शिनकानसेन बुलेट ट्रेन अपनी तेज रफ्तार के अलावा और भी कई खूबियों के लिए जानी जाती है. तेज रफ्तार के कारण ट्रेन का शोर पैदा करना स्वाभाविक है. शिनकानसेन के कारण होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ कई बार प्रदर्शन भी हुए. जिसके बाद ध्वनि अवरोधकों और अन्य तरीकों से इसकी आवाज को काफी नियंत्रित कर लिया गया है. इसके अलावा 1992 में इन ट्रेनों में भूकंप की चेतावनी देने वाले अलार्म भी फिट किए गए. भूकंप की स्थिति में ट्रेन में मौजूद खास सिस्टम उसे भांप लेता है और ट्रेन में ऑटोमौटिक ब्रेक लग जाता है.
एसएफ/एएम (एएफपी)