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ट्यूनीशिया में संसद के सभापति अंतरिम राष्ट्रपति बने

१५ जनवरी २०११

ट्यूनीशिया की सर्वोच्च संवैधानिक परिषद ने संसद के निचले सदन के नेता फोआद मेबाज्जा को देश का अंतरिम राष्ट्रपति चुन लिया है. उन्हें 60 दिन के भीतर चुनाव कराना होगा. परिषद ने कहा राष्ट्रपति का देश से जाना स्थायी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ट्यूनीशिया की सर्वोच्च संवैधानिक परिषद के अध्यक्ष फेथी आब्देनाधेर ने कहा है कि लंबे समय से देश पर तानाशाह बन कर राज कर रहे राष्ट्रपति जिने अल आबिदीन बेन अली ने सत्ता छोड़ कर अच्छा काम किया है. देश के नए नेता फोआद मेबाज्जा अगले 60 दिनों के भीतर देश में चुनाव कराएंगे. राष्ट्रपति बेन अली देश छोड़ कर सउदी अरब चले गए हैं.

NO FLASH Demonstrationen in Tunesien
तस्वीर: picture alliance / dpa

इससे पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद घनौशी ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप सत्ता अपने हाथ में ली थी. प्रधानमंत्री ने जल्द चुनाव कराने की बात कही और राजनीतिक पार्टियों से बातचीत का प्रस्ताव रखा. देश में हर तरफ अफरातफरी, अव्यवस्था, हिंसा और अस्थिरता है

ट्यूनिशिया में हिंसा और लूटपाट का दौर जारी है. चश्मदीदों के मुताबिक देश भर में कर्फ्यू लगाए जाने के बावजूद राजधानी ट्यूनीश के सेंट्रल ट्रेन स्टेशन में आग लगा दी गई. कई सुपरमार्केट, रिहायशी इमारतों और अस्पतालों में भी आग लगाई गई और उनमें लूटपाट भी हुई है. ज्यादातर उन्हीं इमारतों को निशाना बनाया गया है जिनके मालिक बेन अली के रिश्तेदार हैं. विपक्ष के नेता मुस्तफा बेन जाफर ने बताया कि अपराधियों के कुछ गुट भी शहर में मची अफरातफरी का फायदा उठाने में जुटे हैं. ये लोग दुकानों को लूट रहे हैं. जाफर ने ये भी बताया कि कई सरकारी इमारतों को भी निशाना बनाया गया है.

NO FLASH Demonstrationen in Tunesien
तस्वीर: picture alliance / dpa

शनिवार सुबर से ट्यूनीशिया की सेना भी बैरकों से बाहर आ गई है. शहर पर नियंत्रण के लिए ट्यूनीशियाई सेना के जवान सड़कों पर मार्च कर रहे हैं और आसमान में सेना के हैलीकॉप्टर चक्कर लगा रहे हैं. कई जगहों से धुआं और आग की लपटें उठती दिख रही हैं. कई ट्यूनीशियाई नागरिकों ने पत्रकारों से ये भी कहा कि सेना भी देश में मची अव्यवस्था के बहाने सत्ता अपने हाथ में करने की फिराक में है.

यूरोप से छुट्टी मनाने ट्यूनीशिया आए सैकड़ों सैलानी देश जल्दी जल्दी वहां से भाग रहे हैं. जर्मन टूर ऑपरेटरों ने ट्यूनीशिया के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी है. कई यूरोपीय नागरिक ऐसे हालात में यहां फंस गए हैं.

NO FLASH Armee in Tunesien
तस्वीर: picture alliance / dpa

इस बीच जर्मन चांसलर अंगेला मैर्कल ने कहा है कि ट्यूनीशिया की नई सरकार को नई शुरुआत करनी चाहिए. नई सरकार को अपने प्रवक्ता के जरिए भेजे संदेश में मैर्केल ने कहा, "विरोध करने वाले लोगों की आवाज सुनिए और देश में सही लोकतंत्र कायम करिए. ये जरूरी है कि मानवाधिकारों का सम्मान हो, प्रेस का आजादी रहे, और विधायिका स्वतंत्र हो. जर्मनी और यूरोपीय संघ देश को नई शुरुआत में सहयोग करने के लिए तैयार है." फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने भी ट्यूनीशिया पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिं

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