1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

टैक्स चोरों को सजा नहीं, राहत के आसार

३१ जनवरी २०११

काले धन और टैक्स चोरी के मुद्दे पर यूपीए सरकार चौतरफा दबाव का सामना कर रही है लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने ऐसे स्टडी ग्रुप का गठन किया है जो टैक्स चोरों के लिए स्वैच्छिक रूप से टैक्स चुकाने का रास्ता साफ करेगा.

https://p.dw.com/p/107Zn
तस्वीर: DW

इस स्टडी ग्रुप का लक्ष्य ऐसे विकल्प तैयार करना है जिससे टैक्स चोरी को रोका जा सके और लोग टैक्स चुकाने के लिए स्वेच्छा से आगे आएं. स्टडी ग्रुप में आर्थिक और टैक्स विशेषज्ञ शामिल हैं और यह ऐसी स्कीम पर भी लगाम कसेगा जिनके जरिए टैक्स देने से लोग बचते हैं.

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी दो समूह बनाने की घोषणा कर चुके हैं जो काले धन से जुड़े अलग अलग मुद्दों को देखेंगे. बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों को आम माफी दिए जाने का प्रस्ताव भी है.

आयकर विभाग ने अपने प्रस्ताव में कहा, "व्यवसायिक ढांचे में जटिलताएं, नए वित्तीय प्रोडक्ट, टैक्स चुकाने वालों की बढ़ती संख्या, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ोत्तरी, ई कॉमर्स का प्रसार और टैक्स बचाने के लिए अपनाई जाने वाली स्कीम, ये ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से टैक्स प्रबंधन में जटिलताएं और जोखिम देखने को मिल रहे हैं."

सरकार से विपक्ष मांग कर रहा है कि टैक्स चोरों और काला धन रखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए लेकिन सरकार स्वैच्छिक ढंग से टैक्स चुकाने को बढ़ावा देने के रास्ते तलाश रही है.

इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक इन चुनौतियों से परंपरागत तरीके से निपटना आसान नहीं है. आयकर विभाग का मानना है कि टैक्स कानूनों का पालन करने में लोगों पर भार पड़ता है. अगर लोग ज्यादा रकम टैक्स के रूप में चुका रहे हैं तो वह टैक्स व्यवस्था के बाहर होना चाहते हैं.

इनकम टैक्स विभाग के सामने चुनौती है कि आयकर चुकाने वाले लोगों की विभिन्न श्रेणियों के लिए ऐसी सीमाएं निर्धारित की जाएं ताकि लोग स्वैच्छिक रूप से टैक्स चुकाने में तत्परता दिखाएं.

स्टडी ग्रुप टैक्स एकत्र करने के तरीकों और टैक्स चोरी पर लगाम कसने के लिए अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को सौंपेगा. केंद्र सरकार पर देश से बाहर गए काले धन को वापस लाने और लिष्टेनश्टाइन में खाता रखने वाले 26 भारतीयों के नाम सार्वजनिक करने का दबाव है.

सरकार काले धन को टैक्स चोरी का मसला बता रही है लेकिन विपक्ष और कुछ टैक्स विश्लेषक इसे आतंकवाद, दलाली, काले धन को सफेद बनाने और अन्य अपराधों से जोड़ कर देख रहे हैं. स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का अरबो डॉलर जमा होने की आशंका है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एमजी