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क्यों हैं हंगामा इस इंटरव्यू का

१० जुलाई २०१५

ग्रीस संकट और ईरान के परमाणु विवाद जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में उलझी जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल शुक्रवार को लेफ्लॉयड को इंटरव्यू दे रही हैं. सार्वजनिक जीवन में अनजाने लेफ्लॉयड को आखिर चांसलर क्यों इंटरव्यू देने लगीं.

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तस्वीर: Twitter

जर्मनी के लेफ्लॉयड देश के सबसे मशहूर यूट्यूब स्टार्स में से एक हैं, किशोरों में अत्यंत लोकप्रिय हैं लेकिन बहुत से वयस्कों ने उनका नाम भी नहीं सुना है. लेफ्लॉयड का असली नाम फ्लोरियान मुंट है, वे 27 वर्ष के हैं और 2007 से ही लेफ्लॉयड्स वीडियोकनाल के नाम से यूट्यूब पर वीडियो चैनल चला रहे हैं. वे वीडियो शेयरिंग साइट यूट्यूब का इस्तेमाल करने वालों में जर्मनी में सबसे सीनियर हैं. उनके चैनल के इस बीच 26 लाख सब्सक्राइबर हैं, जर्मनी में चौथा सबसे लोकप्रिय यूट्यूब चैनल.

लेफ्लॉयड के कार्यक्रमों को देखने वाले अधिकांश दर्शक 16 से 24 साल की उम्र के हैं. फेसबुक पर उनके 621,000 फैन हैं और ट्विटर पर 565,000 फॉलोवर. जर्मनी में यह संख्या आम तौर पर लोकप्रिय न्यूज साइटों की है. और इसी में लेफ्लॉयड का महत्व छुपा है कि चांसलर उन्हें इंटरव्यू क्यों दे रही हैं.

Screenshot LeFloid Youtube Star Video Waffen - FAILS - Einsichten
तस्वीर: Screenshot Youtube

राजनीतिज्ञों के लिए युवाओं तक पहुंचना इतना आसान नहीं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया का व्यापक इस्तेमाल कर ही रहे हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जनवरी में तीन लोकप्रिय वीडियो निर्माताओं से मुलाकात कर युवाओं तक सीधे पहुंचने की शुरुआत की है.

लेफ्लॉयड के नए वीडियो को नियमित रूप से 10 लाख से ज्यादा बार देखा जाता है. कुछ पुराने क्लिप्स पर तो 30 लाख तक क्लिक हो जाते हैं. हालांकि लेफ्लॉयड के दो और यूट्यूब चैनल भी हैं लेकिन ज्यादातर यूजर उन्हें लेन्यूज के साथ जोड़कर देखते हैं, जिसमें वे सोमवार और गुरुवार को कुछ खास खबरों पर पांच से आठ मिनट तक टिप्पणी करते हैं. वे अपनी खास अदा के कारण भी दर्शकों में लोकप्रिय हैं. अपनी टिप्पणी को वे आखिरी सच नहीं बल्कि किशोरों और युवाओं की टिप्पणी की शुरुआत मानते हैं.

एमजे/आरआर