टीचर भर्ती घोटाले में चौटाला गिरफ्तार
१६ जनवरी २०१३मामला हरियाणा में 3,000 से ज्यादा जूनियर बेसिक ट्रेंड शिक्षकों की भर्ती का था. अदालत के फैसला सुनाने के तुरंत बाद चौटाला सहित सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया गया. सजा की घोषणा 22 जनवरी को की जाएगी.
विशेष सीबीआई जज विनोद कुमार ने इस मामले में चौटाला, उनके बेटे और दूसरे अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार विरोधी कानून तोड़ने का दोषी पाया. चौटाला के अलावा उस समय हरियाणा प्राथमिक शिक्षा के निदेशक संजीव कुमार, चौटाला के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी विद्याधर और मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बदशामी को भी अदालत ने दोषी पाया.
आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा कि जांच से पता चला कि किस तरह 18 जिलों के जिला स्तरीय चयन समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों को हरियाणा भवन में बुलाकर दूसरी लिस्ट तैयार की गई. सीबीआई ने यह भी कहा कि चौटाला पिता-पुत्र ने 3206 शिक्षकों की भर्ती के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में सीबीआई से इस मामले की जांच के लिए कहा था.
सीबीआई अदालत ने अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, धोखाधड़ी के लिए जालसाजी और जाली दस्तावेज के इस्तेमाल के आरोप तय किए थे. पिछले साल दिसंबर में मुकदमे में सीबीआई और बचाव पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. अभियुक्तों की सजा तय करने के लिए 17, 19 और 21 जनवरी को सुनवाई रखी है. सजा की घोषणा तीन दिनों की सुनवाई के बाद 22 जनवरी को होगी.
शिक्षकों की गैरकानूनी भर्ती के मामले में कुल 62 लोगों पर आरोप लगाए गए थे. उनमें से छह की मुकदमे के दौरान ही मौत हो गई, जबकि एक को आरोपपत्र दाखिल करते समय अदालत ने बरी कर दिया था. अब जिन लोगों को दोषी पाया गया है उनमें 16 महिलाओं के अलावा आईएएस अधिकारी विद्याधर और संजीव कुमार भी हैं. कुमार ने अवैध भर्ती कांड का खुलासा किया था, सीबीआई ने उन्हें भी इस कांड में शामिल पाया.
1935 में जन्मे ओमप्रकाश चौटाला भारतीय नेशनल लोकदल पार्टी के अध्यक्ष हैं और इस समय हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता है. वे पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे हैं. चौटाला चार बार प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. जूनियर बेसिक टीचर्स की भर्ती का घोटाला 1999-2000 का है जब वे अंतिम बार प्रांत मुख्यमंत्री के पद पर थे.
एमजे/एजेए (पीटीआई)