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टल सकती हैं हर साल 13 लाख मौतें

२२ जनवरी २०१६

मेडिकल साइंस में लगातार हो रही प्रगति के बावदूद हर रोज दुनिया भर में 7200 बच्चे मृत पैदा होते हैं. इसका मतलब है साल में करीब 26 लाख. अगर पहले से ध्यान दिया जाए तो इनमें बहुत सारी मौतों को टाला जा सकता है.

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Babys auf der Neugeborenenstation
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Grubitzsch

साइंस पत्रिका लैंसेंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन होने वाली मौत में से आधे प्रसव के दौरान जान गंवाते हैं. यानि ये ऐसी मौतें हैं जिन्हें टाला जा सकता है. हालांकि 2015 के आकड़े दिखाते हैं कि इनमें कमी आई है. साल 2000 से 2015 के बीच जन्म के समय मरने वाले बच्चों की दर हर 10000 पर 247 से घटकर 184 हो गई है. इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा मध्यम और निम्न आयवर्ग वाले देशों में होती हैं. लैंसेंट के संपादक रिचर्ड हॉर्टन और उडानी समारासेकेरा ने कहा है कि सबसे गंभीर बात प्रसव के दौरान होने वाली 13 लाख बच्चों की मौतें है.

उन्होंने कहा, "यह बात कि बच्चा प्रसव पीड़ा की शुरुआत में जीवित था और अगले कुछ घंटों में उन कारणों से जान गंवाता है जिन्हें टाला जा सकता था, इसे अंतरराष्ट्रीय अनुपात में बड़े स्वास्थ्य घोटाले जैसा होना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं है." शोध में तीन महीने से ज्यादा के भ्रूण या 28 हफ्ते के गर्भ के नष्ट होने को मृत जन्म माना गया है. इससे कम अवधि के भ्रूण के नष्ट होने को गर्भपात या निष्फलता की श्रेणी में रखा गया. रिसर्च में पाया गया कि 14 फीसदी मृत जन्म की घटनाएं डिलिवरी की तारीख से बहुत बाद में प्रसव होने के कारण हुईं.

दूसरी बड़ी समस्या मानसिक स्वास्थ्य को पाया गया. पोषण, जीवन शैली से जुड़े कारक जैसे मोटापा और धूम्रपान, और डायबिटीज, कैंसर और हृदय संबंधी रोगों के कारण 10 फीसदी बच्चे मृत पैदा होते हैं. आठ फीसदी हाथ मलेरिया का भी है. 6.7 फीसदी मामलों में मां की उम्र 35 साल से ज्यादा होना कारण होती है. 4.7 फीसदी मामलों में प्रसव के दौरान पड़ने वाले दौरे एस्कांपसिया को जिम्मेदार पाया गया, जिसमें रक्तचाप बहुत बढ़ जाता है.

Philippinen Neugeborenes Baby
तस्वीर: Chris McGrath/Getty Images

गरीबों की बदतर हालत

उप-सहारा अफ्रीका में बच्चों की जन्म के समय सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. शोध के मुताबिक विकास की सुस्त रफ्तार देखते हुए, "उप-सहारा अफ्रीका में औसत महिला के बच्चों के जीवित पैदा होने की संभावना उतनी होने में जितनी उच्च आय वर्ग वाले देशों के पास आज है, 160 से ज्यादा साल बीत जाएंगे." रिसर्च में पाया गया कि उच्च आय वर्ग वाले देशों में भी अमीर और गरीब के बीच खाई गहरी है. अमीर देश में भी गरीब महिला के बच्चे के मृत पैदा होने का खतरा अमीर मां के मुकाबले दोगुना है.

रिपोर्ट के मुताबिक एशिया और अफ्रीका में महिलाओं के बच्चों को ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के मुकाबले दो से तीन गुना ज्यादा खतरा रहता है. वे देश जहां ये मामले सबसे कम हैं वे हैं डेनमार्क और आइसलैंड. फिनलैंड, नीदरलैंड्स, क्रोएशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, पुर्तगाल और न्यूजीलैंड इनके बाद आते हैं. रिसर्च में शामिल किए गए 186 देशों में सबसे बुरा हाल पाकिस्तान का पाया गया जहां बच्चों के मृत पैदा होने की दर 10000 पर 431 है. इस रिसर्च की श्रृंखला में पांच रिसर्च पेपर जमा किए गए हैं जिनपर 43 देशों के 20 से ज्यादा रिसर्च लेखकों, जांचकर्ताओं और सलाहकारों ने मिलकर काम किया.

एसएफ/एमजे (एएफपी)