ज्यादा संक्रामक नहीं है मर्स
१० जुलाई २०१४सऊदी अरब में फैले मिडल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम मर्स को जितना संक्रामक समझा जा रहा था, यह उतना नहीं निकला. हालांकि यह वायरस अब तक करीब 290 लोगों की जान ले चुका है. ऐसा कहना है विश्व संवास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के पश्चिमी प्रशांत इलाकों में संक्रामक बीमारियों के निदेशक मार्क जेकब्स का. उन्होंने बताया कि जो लोग मर्स से पीड़ित हैं उनके रिश्तेदार इससे बचे हुए हैं, यानि यह वायरस उतना संक्रामक नहीं जितना समझा जा रहा था. जेकब ने कहा कि सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है जो मर्स के मरीजों का ख्याल रखते हैं. इनके अलावा ऊंटों के आसपास रहने वाले और भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने वाले लोगों को इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा है, लेकिन यह किसी भी बीमारी के साथ मुमकिन है.
उनका यह बयान फिलीपींस द्वारा अपने नागरिकों से इस साल हज पर न जाने की अपील के बाद आया. फिलीपींस ने अपने नागरिकों को हज पर जाने की योजना अगले साल तक के लिए स्थगित करने की अपील की थी. सरकारों को डर है कि उनके हज यात्रियों के साथ यह वायरस उनके देश भी न पहुंच जाए. इससे पहले विश्व संवास्थ्य संगठन ने भी देशों को सलाह दी थी कि वे कोशिश करें कि उनके नागरिक हज के दौरान मर्स से संक्रमित न हों लेकिन जेकब के मुताबकि वायरस का स्थानीय खतरा ही है.#BBIG#
जेकब ने कहा, "अब तक वायरस की प्रक्रिया जैसी रही है वैसी ही अगर आगे भी रहती है, तो मेरे ख्याल में अब तक हमने जैसा देखा है यह वैसा ही रहेगा." डब्ल्यूएचओ के अनुसार अब तक 15 देशों में मर्स के मामले पाए गए हैं. इनमें सऊदी अरब सबसे आगे हैं. मध्यपूर्व के अलावा फिलीपींस और मलेशिया में मर्स के जो मामले पाए गए ये उन लोगों में थे जो वहां यात्रा करने से संक्रमित हुए. इन लोगों से अपने देश लौटने पर कोई और लोग संक्रमित नहीं हुए. हालांकि जिन अस्पतालों में मर्स के मरीजों का इलाज हो रहा है वहां वायरस के फैलने की संभावना रही है, लेकिन जेकब इस बात को भी दोहराते हैं कि इसके दुनिया भर में फैलने की संभवाना बहुत ही कम है.
जेकब ने हज यात्रियों को सलाह दी है कि वे सऊदा यात्रा के दौरान एहतियात बरतें, सफाई का पूरा ख्याल रखें और जिस किसी में भी खांसी जुकाम जैसे लक्षण पाएं उनसे दूरी बनाए रखें.
एसएफ/एमजी (एएफपी, एपी)