जॉन अब्राहम को 15 दिन की कैद
१५ अक्टूबर २०१०जॉन अब्राहम को बाइकों के दीवानेपन के लिए जाना जाता है. लेकिन यही दीवानापन जब हद से गुजर गया तो उनके लिए मुसीबत बन गया. मुंबई की बांद्रा के एक कोर्ट में चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट एसवी कुलकर्णी ने खतरनाक ड्राइविंग के आरोप में जॉन को दोषी पाया. अप्रैल 2006 में जॉन की बाइक से हुए एक हादसे में दो लोग घायल हो गए थे. अदालत ने आदेश दिया कि जॉन पर लगाए गए जुर्माने में से एक हजार रुपये घायलों में से एक व्यक्ति को दिए जाएं.
सजा सुनाए जाते वक्त अब्राहम कोर्ट में मौजूद रहे. उन्होंने फौरन जुर्माने की राशि अदा कर दी. इसके बाद उनके वकील ने जमानत की अपील की. साथ ही उन्होंने सजा पर रोक लगाने की भी अपील की ताकि ऊपरी अदालत में अपील की जा सके. कोर्ट ने उनकी दोनों अर्जियां मंजूर कर लीं. जॉन को एक महीने के भीतर ऊपरी अदालत में फैसले के खिलाफ अपील करनी होगी.
सड़क पर खतरनाक ड्राइविंग के अपराध में अधिकतम सजा छह महीने है. लेकिन अदालत ने जॉन के मामले में नरमी बरती क्योंकि हादसा होने के बाद वह भागे नहीं. उन्होंने घायल साइकल वालों को अदालत पहुंचाया जबकि उन्हें खुद भी चोटें आई थीं.
उन्होंने दोनों घायलों तन्मय माझी (19) और श्याम कासबे (22) को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. उसके बाद वह खुद भी लीलावती अस्पताल में भर्ती हो गए. दो साल बाद कासबे की मौत टीवी की वजह से हुई. खार पुलिस ने इस मामले में जॉन अब्राहम पर आईपीसी की धारा 279 और धारा 337 के तहत मामला दर्ज किया था.
जॉन की नई फिल्म झूठा ही सही इसी महीने रिलीज होनी है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा