जैसी जरूरत हो वैसा खेल सकते हैं पठान
१८ दिसम्बर २०१०वड़ोदरा से यूसुफ पठान ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्होंने शुरुआत एक पिंच हिटर के तौर पर की लेकिन अब वह अलग भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा, "मेरी शुरुआत पिंच हिटर के रूप में ही हुई लेकिन अब मुझे दूसरी तरह खेलना है. मैं टीम की जरूरतों के अनुरूप खेलना चाहता हूं. फिर चाहे बात अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की हो या फिर घरेलू मैचों की." पठान तेज तर्रार बल्लेबाजी के साथ साथ टीम के लिए उपयोगी ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं.
उन्होंने कहा, "मैंने न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक जड़ा और अतीत में भी मैं कई बड़ी पारियां खेल चुका हूं. यह कहना सही नहीं है कि मैं ऐसा बल्लेबाज हूं जो सिर्फ चौके छक्के मारना ही जानता है." पठान को उम्मीद है कि वह वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हो जाएंगे. वर्ल्ड कप का आयोजन भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका संयुक्त रूप से कर रहे हैं और यह 19 फरवरी से शुरू होगा.
वर्ल्ड कप के लिए टीम में शामिल होने को वह एक सपना मानते हैं. वह कहते हैं, "वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा बनना एक ख्वाब जैसा है और मैं उसके लिए पूरी कोशिश करूंगा. मैं अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर पूरी मेहनत कर रहा हूं." वर्ल्ड कप के लिए 30 संभावित खिलाड़ियों की सूची का चयन शनिवार को किया जाना है. न्यूजीलैंड के खिलाफ बैंगलोर वनडे में यूसुफ पठान ने सिर्फ 96 गेंदों में 123 रन ठोंक दिए और भारत को मुश्किल लग रही जीत दिलाने में मदद की.
युसूफ अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता, अपने भाई इरफान पठान और कोच गैरी कर्स्टन को देते हैं. वह कहते हैं, "गैरी कर्स्टन ने हमेशा मुझे सलाह दी की क्रीज पर लंबे समय तक खेलना चाहिए. वह मेरी गेंदबाजी बेहतर करने में भी भूमिका निभा रहे हैं. मुझे अपने वरिष्ठ खिलाड़ियों का भी समर्थन मिलता है." पठान को विश्वास है कि अगले साल वर्ल्ड कप जीतने के लिए महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया का दावा सबसे तगड़ा होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार