जैक्सन के डॉक्टर पर मुकदमा चलेगा
१२ जनवरी २०११जज माइकल पास्टर ने शुरुआती सुनवाई के छठे दिन डॉक्टर कोनराड मरे के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. डॉ मरे पर गैरइरादतन मानवहत्या करने के आरोप में मुकदमा चलेगा. माइकल पास्टर ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं जिनके आधार पर डॉक्टर मरे को माइकल जैक्सन की मौत का जिम्मेदार ठहराया जा सके. मरे ने गैरइरादतन मानवहत्या का आरोप न लगाने की अपील की थी.
जैक्सन की 25 जून 2009 को प्रोपोफॉल नाम की दवा की ज्यादा मात्रा लेने से मौत हो गई थी तब उनकी उम्र 50 साल थी. माइकल जैक्सन का ख्याल रखने के लिए मरे के साथ करार किया गया था. उस दौरान माइकल जैक्सन लंदन में अपने आखिरी कंसर्ट की तैयारी कर रहे थे. डॉक्टर मरे ने जैक्सन को प्रोपोफॉल की खुराक देने की बात कबूल कर ली है. ये दवा अस्पताल में मरीजों को बेहोश करने के लिए इस्तेमाल की जाती है. जैक्सन को ये दवा नींद आने के लिए दी गई.
अभियोजकों का कहना है कि डॉक्टर मरे ने जैक्सन को दवा देने में लापरवाही की. प्रोपोफॉल के अलावा दूसरी दवाइयां भी दी गईं और जैक्सन की मौत के वक्त मरे की हरकतों से ये जाहिर होता है कि उन्हें ये आशंका भी थी कि जैक्सन की मौत का जिम्मेदार उनको ठहराया जा सकता है. अभियोजकों ने खासतौर पर इस बात का जिक्र किया है कि मरे ने जैक्सन के सुरक्षा में लगे लोगों को आदेश दिया कि वो प्रोपोफॉल देने के सबूत मिटा दें. इसके साथ ही जब जैक्सन की सांस नहीं चल रही थी तब वो एम्बुलेंस बुलाने की बजाए अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते रहे और बाद में सुरक्षाकर्मियों से इस बातचीत का ब्यौरा छुपाने को कहा.
मरे का बचाव करने आए वकील ने शुरुआती सुनवाई के दौरान कई गवाहों से पूछताछ की है. उन्होंने ये जानना चाहा कि क्या जैक्सन ने खुद प्रोपोफॉल का इंजेक्सन लिया और इस बात पर खूब बहस भी हुई कि डॉक्टर मरे ने जैक्सन को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की.
अमेरिका में गैरइरादतन मानवहत्या की धारा बिना किसी वजह की हत्या करने पर लगाई जाती है. यह हत्या की तुलना में थोड़ा कमजोर मामला है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह