जूतों की दीवानगी
मौसम बदलने के साथ जूते बदलते हैं. और फिर गर्मियों का मौसम हो तो बात ही क्या...
ठोकर पर जमाना
जूते पांव को धूल और गंदगी तथा मिट्टी, गिट्टी और पत्थर से बचाने के लिए होते थे. फैशन इंडस्ट्री ने उसे अब सेक्सी बना दिया है.
कामयाबी का जूता
अगर आप राष्ट्रपति हों तो आपके जूते भी सुर्खियों में होते हैं. ये जूता है फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी का. पत्नी कार्ला ब्रूनी के मुकाबले नाटे कद के सारकोजी के जूतों का हील कुछ समय तक चर्चा में रहा.
हसीना के हसीन जूते
कार, सुंदरी और चमड़े का मेल बहुत से लोगों को आकर्षित करता है. मर्सिडिज एसएल में अपने नए जूते दिखाती यह मॉडेल.
गर्मी से राहत
गर्मियों में ही तय हो जाता है कि अगर आप फैशन प्रेमी हैं तो एक साल बाद गर्मियों में कौन से जूते पहनेंगे. अगस्त और सितंबर में ऑस्ट्रिया और जर्मनी में महत्वपूर्ण मेले लगते हैं.
लाल का कमाल
जूते का रंग और स्टाइल छरहरी टांगों वाली महिलाओं के परिधान को और आकर्षक बनाता है. क्या फबेगा लाल जूते पर?
उई बाबा!
जूतों के फैशन के बाजार में अब ब्राजील और भारत जैसी उभरती आर्थिक शक्तियों की कंपनियां भी शामिल हो रही हैं.
जूता या पाजेब?
भारत के फैशन डिजाइनर सौमित्र मंडल का डिजाइन किया हुआ यह जूता काफी चर्चा में रहा
वर्ल्ड कप का जूता
खेल और खिलाड़ियों के लिए जूते विशेष रूप से बनाए जाते हैं. 1994 में यह जूता एडिडास ने वर्ल्डकप के लिए बनाया था. विशेष रबर के उपयोग से बना यह प्रिडेटर खिलाड़ियों को बॉल पर बेहतर नियंत्रण और पांव को आराम की गारंटी देता था.
जूते पर सम्मान
ये जूता पहन रखा है जर्मनी की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के खिलाड़ी मार्को मारीन ने. हर जूते पर उनके माता-पिता का नाम लिखा है. इस चित्र में उनके पिता रांको का नाम दिख रहा है.
कौन सा जंचेगा?
पोशाक, आभूषण और समय के हिसाब से जूते भी चुने जाते हैं. बहुत सारे जूते हों तो चुनाव आसान नहीं होता.
जासूसी का जूता
जूतों का इस्तेमाल जासूस भी करते हैं. यह विशेष जूता है जिसका इस्तेमाल अब भंग हो चुकी पूर्वी जर्मनी की जासूसी संस्था स्टाजी के जासूस चुरा कर माइक्रो फिल्म लाने के लिए करते थे.