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जुबानी जंग के पहले राउंड में उत्तर कोरिया की जीत

१५ अगस्त २०१७

इतना हंगामा होने के बाद भी यह साफ नहीं कि उत्तर कोरिया अमेरिकी सैन्य ठिकाने गुआम पर हमला करेगा या नहीं. लेकिन इतना तय है कि किसी भी हाल में फायदा किम जॉन्ग उन का ही होगा.

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Südkorea Kim Jong Un im TV in Seoul
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Lee Jin-man

उत्तर कोरिया और कुछ अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार बिना युद्ध किये भी कोरियाई नेता किम जॉन्ग उन ने अमेरिका के साथ विवाद का यह राउंड जीत लिया है. हमला ना हुआ तो कई और लोग इस पूरे प्रकरण को गीदड़ भभकी और छलावा कह सकते हैं. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इतने नाटकीय तरीके से शोर शराबा मचा कर, हमले का डर पैदा कर, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को उत्तेजित कर, साथ ही जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अमेरिकी सहयोगियों को चेता कर उन ने भविष्य में और आक्रामक अस्थिरता की एक मिसाल तो बना ही दी है.

मंगलवार को उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने अपने नेता किम और उनके सैन्य अधिकारियों के साथ गुआम पर हमले की योजना का जायजा लेते हुए तस्वीरें प्रकाशित की हैं. इन तस्वीरों में कोरियाई मिसाइल के पथ की रूपरेखा के अलावा बिल्कुल साफ तौर पर नजर आती है अमेरिकी सेना के एंडरसन एयर फोर्स बेस की सैटेलाइट से ली गयी फोटो. खबर लिखी है कि किम कोई कदम उठाने से पहले अभी "थोड़ा और देखना" चाहते हैं.

योजना ऐसी है कि गुआम की ओर उत्तर कोरिया चारों दिशाओं से एक एक मिसाइल दागेगा. अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा, "अगर वे अमेरिका पर हमला करते हैं तो स्थिति बहुत जल्दी युद्ध में तब्दील हो जाएगी." 

ना केवल कोरिया ने गुआम पर हमला करने की साफ धमकी दी है बल्कि उसे बल देते हुए हमले की विस्तृत योजना भी सामने रखी है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि उसने कभी ऐसा करने की कोई तारीख तय नहीं की. इस पर सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के परमाणु नीति विशेषज्ञ एडम माउंट कहते हैं, "उन्होंने ऐसा खतरा दिखाया जिससे किम को पीछे हटने में भी शर्मिंदगी ना हो." माउंट इसे राष्ट्रपति ट्रंप पर भारी बताते हुए कहते हैं, "पिछले हफ्ते ट्रंप की किसी भी अस्पष्ट चेतावनी के मुकाबले उत्तर कोरिया की गुआम धमकी कहीं ज्यादा परिष्कृत, विश्वसनीय और जोरदार थी."

विशेषज्ञों का अंदेशा है कि अगले हफ्ते शुरू हो रही अमेरिकी-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास का बड़े स्तर पर विरोध जताते हुए भी किम अपने मिसाइल लॉन्च कर सकते हैं. इससे वे पूरी दुनिया को दिखा देंगे कि वे क्या कर सकते हैं और कुछ भी कर के निकल सकते हैं. वहीं कुछ अन्य विशेषज्ञ यह मानते हैं कि उत्तर कोरियाई नेता को ऐसा कुछ भी करने की कोई जल्दी नहीं दिखाएंगे. कैलिफोर्निया के मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफरी लुइस कहते हैं, "मुझे ऐसा लगता है कि आगे उनकी योजना इससे बाहर निकल जाने की होगी, शायद वे इंतजार कर रहे हैं कि ट्रंप इसमें दिलचस्पी ही खो देंगे." लुइस इसे "खोखली धमकी नहीं, काफी बड़ी बात" मानते हैं.   

प्योंगयांग के अनुसार किम का फैसला कोरियाई हवाई सीमा में अमेरिका के बी-1बी लड़ाकू विमानों की उड़ान से संबंधित है. ये विमान हालांकि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन यह अमेरिका के जखीरे में अभी भी सबसे उन्नत लड़ाकू विमान हैं और अमेरिका ने इस विमान को बार बार प्योंगयांग के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के लिए दक्षिण कोरिया या विसैन्यीकृत जोन में भेजा है.

सैन्य विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर अमेरिका इन उड़ानों को रोक देता है तो यह अपने आप में किम की जीत होगी. लेकिन अगर वह अपने बी-1बी लड़ाकू विमान उड़ा देता है तो कोरिया को मिसाइल छोड़ने का बहाना मिल जाएगा. या फिर वो फौरन ऐसा ना कर बाद में कभी करने का मौका बचा कर रख सकता है. सैन्य प्रतिरक्षा के जटिल दुनिया में देखा जाये तो ऐसे किसी भी हाल में किम की जीत ही जीत है.

आरपी/ओएसजे (एपी)