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समाज

जापान: गरम पानी में रोज नहाने से दूर रहती हैं बीमारियां

जूलियान रायल, टोक्यो से
८ जनवरी २०२१

जापान के लोग लंबा जीते हैं और स्वस्थ रहते हैं. रिसर्च दिखाते हैं कि इसकी वजह उनकी एक आम सी आदत है, भारत की ही तरह रोज नहाने की. जापान के करीब 80 फीसदी लोग रोजाना गरम पानी में नहाते ही नहीं काफी समय तक पानी में रहते हैं.

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Japan Frau badet in einem Onsen, heiße Thermalquelle
तस्वीर: imagebroker/imago images

शिन्या हायासाका मेडिकल डॉक्टर  हैं और टोक्यो सिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. वे दो दशक से स्वास्थ्य पर गर्म पानी के प्राकृतिक सोते "ऑनसेन" में स्नान करने के असर पर काम कर रहे हैं. इस परंपरा के पीछे का विज्ञान अब एक कला के रूप में सामने आया है. हायासाका का कहना है, "लगभग 20 साल पहले, एक बुजुर्ग मरीज की घर पर देखभाल करने वाली एक नर्स ने मुझसे सलाह मांगी थी. वह चिंतित थी क्योंकि मरीज को हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत थी और यह तय करना बेहद मुश्किल था कि स्नान करना सुरक्षित है."

हायासाका कहते हैं, "उस समय इस सवाल का जवाब देने के लिए कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं था और मुझे लगा कि इसके लिए वैज्ञानिक सबूत की जरूरत थी." हायासाका का पहला पेपर मई 1991 में द जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ. इस शोध में बुजुर्गों के गर्म पानी में नहाने की निगरानी की बात कही गई थी. लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने शोध का विस्तार कर उसमें जापान की दैनिक स्नान संस्कृति को शामिल कर लिया.

प्राकृतिक 'ऑनसेन' गर्म सोते

जापान में लगभग 27,000 प्राकृतिक गर्म सोते हैं जो प्राचीन काल में लगभग सब के लिए गर्म पानी का स्रोत था. इसके साथ ही स्नान देश की राष्ट्रीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया. इसमें धर्म ने भी एक भूमिका निभाई. कई मंदिर स्थानीय लोगों को मुफ्त स्नान की सुविधा प्रदान करते थे. कई बौद्ध सूत्रों में भी नियमित स्नान की सिफारिश की गई है.

1960 के दशक तक अधिकांश जापानी घरों में बाथरूम नहीं हुआ करता था और लोग पड़ोस के सार्वजनिक स्नानघर में इकट्ठा होते थे. मिलजुलकर नहाना एक सामाजिक कार्यक्रम बन गया था. देश में आज लगभग हर घर में बाथरूम है, लेकिन इसके बावजूद कुछ सार्वजनिक स्नानघर मौजूद हैं.

हायासाका बताते हैं, "नियमित रूप से स्नान करने के तीन मुख्य स्वास्थ्य लाभ हैं: गर्मी, हल्कापन और हाइड्रोस्टेटिक दबाव. व्यक्तिगत साफ-सफाई भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, जो केवल एक शॉवर लेने से ही मिल सकता है. लेकिन अन्य तीन के लिए आपको खुद को गर्म पानी में डुबोना होगा."

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गरम सोते में नहाने का मजातस्वीर: Getty Images/Koichi Kamoshida

शरीर का तापमान बढ़ने से लाभ

हायासाका के अनुसार पहला लाभ शरीर के तापमान को बढ़ाने से होता है, जिसमें पानी का तापमान कम से कम 38 सेल्सियस होना चाहिए. वे कहते हैं, "गर्म पानी में डूबने से धमनियों को आराम मिलता है और वो फैलते हैं जिससे खून का बहाव बेहतर होता है."

"रक्त आपके शरीर में करीब 3,700 अरब कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाता है और साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरे गंदे तत्वों को दूर करता है." उन्होंने बताया, "रक्त संचरण में बेहतरी सोते में शरीर को जुबोने से पैदा होने वाली भावना के लिए जिम्मेवार है, जैसे कि दिन भर की थकान भाप के बादल के ऊपर तैरते हुए दूर हो रही है."

हायासाका कहते हैं कि गर्मी दर्द को भी कम करती है और शरीर को गर्म रखने से तंत्रिकाओं की संवेदनशीलता कम हो जाती है. इससे पीठ दर्द, अकरे हुए कंधे और अन्य तरह के दर्द भी कम हो सकते हैं. गर्मी कोलेजन युक्त लिगामेंट को भी नरम करती है जो जोड़ों को घेरे हुए हैं. यह जोड़ों को नरम बना देता है जिससे दर्द में राहत मिलती है.

रात को आती है अच्छी नींद

पुरानी कहावत है कि गरम बाथ लेने से नींद अच्छी आती है. शोध दिखाता है कि इसमें सच्चाई है क्योंकि इससे शरीर की भारी मांसपेशियों का तनाव दूर होता है और उन्हें आराम मिलता है. हायासाका ने कहा, "जब आप सोते में डूबते हैं, तो तीसरा मुख्य लाभ ये होता है कि आपके शरीर के आसपास का पानी शरीर के हर हिस्से पर हाइड्रोस्टेटिक दबाव बढ़ाता है. यह पैरों और शरीर के निचले हिस्से के लिए विशेष रूप से लाभकारी है. यह सूजन को कम करने में मदद करता है क्योंकि सूजी हुई वाहिकाओं से रक्त दिल में लौटता है और रक्त संचरण में सुधार होता है."

चिबा विश्वविद्यालय के रिसर्चरों के साथ किए गए एक अध्ययन में हायासाका ने तीन साल तक 14,000 बुजुर्ग लोगों का निरीक्षण किया. इस अध्ययन से निष्कर्ष निकला कि जो लोग हर दिन गर्म स्नान करते हैं, उन्हें उन लोगों के मुकाबले जो हफ्ते में सिर्फ दो या कम बार स्नान करते हैं, नर्सिंग देखभाल की जरूरत 30 प्रतिशत कम होती है.

इस साल की शुरुआत में ओसाका में वैज्ञानिकों द्वारा एक दूसरा अध्ययन पूरा हुआ. इसमें 20 वर्षों के दौरान 30,000 लोगों की सेहत की जांच की गई और यह पाया गया कि रोज स्नान करने वाले लोगों में स्ट्रोक या दिल के दौरे जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा लगभग 30 प्रतिशत कम है.

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गरम पानी में पांव डुबा थकान मिटाती जापानी महिलाएंतस्वीर: picture alliance/Arco Images

स्ट्रोक के खतरे में कमी

प्रोफेसर हायासाका के अध्ययन से संकेत मिलता है कि नियमित स्नान स्ट्रोक या दिल के दौरे के जोखिम को कम करता है क्योंकि गर्मी रक्त वाहिकाओं को फैलाती है, रक्तचाप को कम करती है और संवहनी एंडोथेलियल फंक्शन में सुधार होता है. उनके अनुसार कुछ अध्ययनों से यह संकेत भी मिला है कि गरम पानी में ज्यादा देर रहने से मानसिक कुशलता में भी सुधार होता है और डिमेंशिया का खतरा घटता है. हायासाका इसके लिए मस्तिष्क के रक्त प्रवाह में सुधार को जिम्मेवार मानते हैं.

औसत जापानी महिला 87 साल से ज्यादा जीती हैं और पुरुषों की औसत उम्र 81 साल है. जर्मन महिला औसतन 83 साल जीती हैं, जबकि पुरुष की औसत उम्र 78 साल होती है. इस वर्ष जापान में 100 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या पहली बार 80,000 से अधिक हो गई जिनमें करीब 88 प्रतिशत महिलाएं हैं. चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न इलाकों के विशेषज्ञ हायासाका के नतीजों के साथ इत्तेफाक रखते हैं.

लॉस एंजिलेस में स्थित कान, नाक और गले के विशेषज्ञ माइकल ए पर्स्की कहते हैं, "परिधीय परिसंचरण और पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम की उत्तेजना में वृद्धि हमारे नाड़ियों और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है." उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "मैं यह भी मानता हूं कि गर्मी हमारे जोड़ों, नसों, लिगामेंट और मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद करती है, जिसके परिणामस्वरूप पूरे शरीर की अकड़न में राहत मिलती है." उनके अनुसार "गर्म पानी में लेटने से शरीर और मस्तिष्क दोनों को शांति मिलती है."

'शक्तिशाली उपचार'

डॉक्टर जेनेल किम सैन डिएगो में जेबीके वेलनेस लैब्स के संस्थापक है और पारंपरिक पूर्वी दवाओं के चिकित्सक हैं. उन्होंने बताया कि "विशेष रूप से हर्बल पानी में डूबना, जिसमें रक्त संचार और ची को बढ़ावा देने वाले हर्बल तत्व होते हैं, दिमाग और शरीर के लिए सबसे शक्तिशाली उपचारों में से एक हो सकता है." वे कहती हैं, "आखिरकार, त्वचा हमारा सबसे बड़ा अंग है, और गर्म पानी में डूबने पर हमारे सभी पोर खुल जाते हैं और जड़ी-बूटियों के लाभकारी तत्वों को अवशोषित करते हैं."

किम का कहना है कि गर्म सोते में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम, और सल्फेट जैसे अन्य तत्व, "मन को शांत करने, मांसपेशियों और जोड़ों को आराम देने, पाचन को सुधारने और शरीर को संतुलित करने का शक्तिशाली तरीका हो सकते हैं.

हायासाका कहते हैं, "दुर्भाग्य से जापानी लोगों की भागदौड़ वाली जीवन शैली के कारण बहुत से लोग लंबे दिन के अंत में बाथ लेने के बजाय शॉवर ले रहे हैं. हाल के अध्ययनों से पता चला है कि सिर्फ 40 प्रतिशत लोग ही अब रोज स्नान करते हैं. आधुनिकता के कारण परंपरा से दूर जाने से होने वाले बदलावों के नतीजे गंभीर हो सकते हैं. जापान में इसके कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है.

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