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जापानी निवेश बढ़ने की उम्मीद

१ सितम्बर २०१४

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा से देश के विकास में जापान की बड़ी भागीदारी की उम्मीदें की जा रही है. मोदी जापानी कारोबारियों को अपनी गारंटी पर न्योता दे रहे हैं. भारत में जापान दोगुना निवेश कर सकता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जापानी अखबार निकी के मुताबिक दोनों देशों के बीच वार्ता में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे आने वाले पांच सालों में भारत में निवेश को दोगुना करने का एलान करेंगे. आबे ट्विटर पर केवल तीन ही लोगों को फॉलो करते हैं जिनमें से एक नरेंद्र मोदी हैं. वहीं मोदी राष्ट्रवादी राजनीतिज्ञ के रूप में आबे की तारीफ करते हैं. दोनों के बीच सोमवार को होने वाली बातचीत में उत्पादन, आधारभूत ढांचे और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के मुद्दे अहम रहेंगे.

इस बीच टोक्यो में आयोजित जापान और भारत के उद्योगपतियों के सम्मेलन में मोदी ने मेजबान उद्योगपतियों को भारत के विकास में हाथ बंटाने के लिए आमंत्रित किया. भारतीय प्रधानमंत्री ने जापानी कारोबारियों को भरोसा दिलाया कि भारत में उनकी योजनाओं को अमल में लाने की जिम्मेदारी खुद प्रधानमंत्री कार्यालय उठाएगा. मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्रा दोनों देशों के बीच इस दिशा में हाथ मिलाने की उम्मीदें पैदा कर रही है. पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले मोदी ने कहा था, "हमें यह देखना है कि भारत के सामूहिक विकास की मेरी योजना में जापान किस तरह सकारात्मक रूप से जुड़ सकता है."

जापान के साथ असैन्य परमाणु करार भी भारत के एजेंडे में हैं. क्योडो न्यूज एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन का हवाला देते हुए कहा कि 2010 में शुरू हुई बातचीत में हाल के दिनों में तेजी आई है और इसमें महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. जापानी मीडिया से बात करते हुए मोदी ने कहा, "परमाणु अप्रसरण के बारे में हमारा रिकॉर्ड बेदाग रहा है. परमाणु परीक्षणों के मामले में भारत एकतरफा और स्वैच्छिक रवैया बनाए रखेगा."

मोदी को शनिवार को आबे से क्योटो में मुलाकात करनी थी. यह शहर बौद्ध संस्कृति की धरोहर के रूप में देखा जाता है. मोदी क्योटो को भारत में 100 स्मार्ट शहर बसाने की योजना के लिए भी आदर्श मॉडल मानते हैं. ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी की यात्रा के दौरान भारत में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए जापान से सहयोग पर भी अहम फैसला होगा.

एसएफ/ओएसजे (रॉयटर्स)