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'हर बार नए हथियार आ रहे हैं'

९ फ़रवरी २०१५

यूरोपीय सुरक्षा व सहयोग संगठन ओएससीई के महासचिव लाम्बैर्तो जानिएर ने पूर्वी यूक्रेन में हथियारों को लेकर चिता जताई हैं. उन्होंने इलाके में संघर्ष विराम की कोशिशों में अपने संगठन की भूमिका पर जोर दिया.

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Ostukraine Krise Kämpfe bei Wuhlehirsk
तस्वीर: Reuters/M. Shemetov

डीडब्ल्यू: आपके 400 से भी अधिक ओएससीई पर्यवेक्षक घटनास्थल पर मौजूद हैं. क्या आप जानते हैं कि यूक्रेनी सेना वहां किसके खिलाफ लड़ रही है?

लाम्बैर्तो जानिएर: हमारे लोग डोनेत्स्क और लुहांस्क जैसी जगहों पर हैं, हमारे बहुत सारे संपर्क हैं. हमारे कुछ पर्यवेक्षकों को तो पकड़ कर हिरासत में भी ले लिया गया था और कुछ अलगाववादियों ने उन्हें लंबे समय कब्जे में रखा. दुर्भाग्यवश, हम पूर्वी यूक्रेन में लड़ रहे कई अलग अलग लड़ाका समूहों से बहुत अच्छे से परिचित हैं. उनमें से कई हमें बताते हैं कि वे रूस से आए हैं और इस लड़ाई को लेकर उनकी अपनी अपनी व्याख्याएं हैं. इससे यह विवाद और भी ज्यादा जटिल हो जाता है.

हमें ये देखकर चिंता होती है कि यहां फैले शत्रुता के माहौल में हथियार नष्ट तो हो रहे हैं लेकिन फिर पता नहीं कहां से नए नए हथियार आते रहते हैं. बदकिस्मती ये है कि यह कभी रूकता नहीं. हम देख रहे हैं कि आम नागरिकों को इस झगड़े की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. हमने ऐसे कई मामले देखे जहां रिहायशी इलाकों में तोपें तैनात की गई थीं. जाहिर है कि ऐसे में जब दूसरी ओर से जवाबी कार्रवाई होगी तो आसपास बहुत सारा नुकसान होगा. मैं सबसे पहले हर किसी से यही कहूंगा कि तोपें और भारी भरकम सैन्य उपकरण आम आबादी वाले इलाकों से हटाए जाएं.

OSZE Generalsekretär Lamberto Zannier Archiv 2013
जानिएर का मानना है कि ओएससीई को जारी रखना सभी सहयोगी देशों के हित में हैतस्वीर: picture-alliance/dpa

यूक्रेन-रूस की सीमा पर क्या स्थिति है? सीमा में कितने सुराख हैं और वहां क्या चल रहा है?

हमने रूस और यूक्रेन की सीमा पर स्थित दो क्रॉसिंग प्वांइट्स पर दो मॉनीटरिंग दल लगाए हैं, जो दिन के चौबीसों घंटे, हफ्ते के सात दिन निगरानी कर रहे हैं. ये दो क्रॉसिंग प्वाइंट्स उन आठ प्वाइंट्स में से हैं, जिन पर यूक्रेनी सरकार का नियंत्रण नहीं है. इस जगहों पर सीमा पार करना बहुत आसान है, कोई प्राकृतिक अवरोध नहीं है. इसलिए इन पर नजर रखने में बहुत ज्यादा लोगों और तकनीकी सुविधाओं की जरूरत पड़ेगी.

हमारे पास दो ड्रोन हैं, इनमें से एक हाल ही में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. इससे सीमा पर मॉनीटरिंग की हमारी क्षमता पर बुरा असर पड़ा है. हमारे ड्रोनों पर हमला कर उन्हें उड़ाने की भी कोशिशें हुई हैं. हमें खुद ऐसे रिकॉर्ड मिले हैं जब अलगाववादियों ने इन पर निशाना लगा कर उन्हें गिराने और ड्रोन के कंट्रोल सिस्टम को भी जाम करने की कोशिशें की.

ओएससीई को बने इस साल 40 साल हो जाएंगे और म्यूनिख कांफ्रेंस में भी आपके संगठन की काफी तारीफ हुई. दूसरी ओर, ओएससीई क्रीमिया को काटने से रूस को रोक नहीं सका और ना ही पूर्वी यूक्रेन में चल रहे युद्ध को बचा सका. फिर हमें ओएससीई की क्या जरूरत है?

पूर्वी यूक्रेन की तमाम असाध्य परेशानियों वाले क्षेत्र में ओएससीई एकलौता संगठन है जो वहां अपने पर्यवेक्षक रख सका. अब वहां हमारा काफी बड़ा ऑपरेशन चल रहा है जिसमें रूस समेत ओएससीई के सभी देश शामिल हैं. हमारे पास रूसी पर्यवेक्षक भी हैं, जो अमरीकी और दूसरे देशों के लोगों के साथ मिलकर मेरे हिसाब से काफी अच्छा काम कर रहे हैं. वे स्थानीय अलगाववादियों के साथ हमारा इंगेजमेंट बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभा रहे हैं. मुझे लगता है कि इसे जारी रखना सभी सहयोगी देशों के हित में है. कुछ चीजें हैं जो हम कर सकते हैं. लेकिन, ऐसी दूसरी कई चीजें हैं ऐसे किसी संकट को टालने के लिए जो मुझे नहीं लगता कि कोई भी संगठन कर सकता है.

लाम्बैर्तो जानिएर, जुलाई 2011 से यूरोपीय रक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससीई) के महासचिव हैं. इसके पहले इटली के राजनयिक जानिएर तीन साल तक संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि के रूप में कोसोवो में तैनात थे.

इंटरव्यू: रोमान गोंचारेको