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जानवरों के लिए खुलेगी पश्चिमी तट की बाड़

५ नवम्बर २०१२

इस्रायल और फलीस्तीन के पश्चिमी तट पर लगी बाड़ जानवरों की आवाजाही रोक रही है. इस्रायली सेना जानवरों की आवाजाही में बाधा मिटाने के लिए तरीके ढूंढने में जुट गई है.

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तस्वीर: Ron Frumkin

पश्चिमी तट में रेगिस्तान से ले कर घने जंगलों और पहाड़ों तक पर सैकड़ों किलोमीटर लंबी कंक्रीट, लोहे और कंटीले तारों की बाड़ है. इस्रायली इसे सुरक्षा घेरा कहते हैं जबकि फलीस्तीनी इसे नस्लों को जुदा करने वाली दीवार. राजनीति इसे चाहे जो नाम दे लेकिन देखने वाले इसे धरती के सीने पर खींची एक दरार के रूप में कभी भी महसूस कर सकते हैं. इनसे हो कर गुजरने के रास्तों पर कड़ा पहरा है. कैमरा, स्कैनर और लोहे की गेटों से हो कर गुजरने के बाद आप इन्हें पार करने की कठिनाई जान सकते हैं. इंसानों का यह हाल है तो जानवरों की पीड़ा तो सहज ही समझी जा सकती है.

Westjordanland Grenze Flora und Fauna
तस्वीर: Ron Frumkin

चारे की जमीन से कट गए

फलीस्तीन वाइल्ड लाइफ सोसायटी के निदेशक इमाद अतरश कहते हैं कि इस दीवार ने जानवरों के परिवारों को जुदा कर दिया है. डीडब्ल्यू से बातचीत में उन्होंने उदाहरण दे कर बताया कि पश्चिमी तट से पहले यरुशलम और बेथेलहम के बीच दीवार खड़ी होने से लाल लोमड़ियों की आबादी अलग हो गई. अतरश के मुताबिक, "नर इस्रायल की तरफ चले गए औऱ मादा फलीस्तीन की धरती पर. नर धरती में सुरंग खोद कर मादा से मिलने आते हैं." इसके बाद पश्चिमी तट पर भी बाड़ लग गई. अतरश पूछते हैं, "जानवरों के कितने परिवार पश्चिमी तट पर अलग हुए हैं."

इस्रायली इकोलॉजिस्ट रॉम फ्रमकिन बताते हैं कि इस बाड़ की वजह से चिंकारा, जंगली बकरी, लोमड़ी, साही, और कुछ दूसरे जानवरों के जीवन पर बड़ा असर हुआ है. उनके मुताबिक जानवरों को अलग करने से अकसर उनके जीन का विकास रूक जाता है और उनकी प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है. जानवरों को उनका आवास, चरने या शिकार करने और प्रजनन की जगह चाहिए. खासतौर से बड़े जानवरों को उनके जीवन के लिए ज्यादा खुले जगह की जरूरत होती है.

Westjordanland Grenze Flora und Fauna
तस्वीर: Imad Atrash

बाड़ की वजह से इकोलॉजी पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में फ्रमकिन की रिपोर्ट इस्रायल के हाइकोर्ट तक पहुंची है. इस के बाद ही रक्षा मंत्रालय ने बाड़ को पश्चिमी तट के दक्षिणी सिरे तक पहुंचाने की योजना रोक दी गई है. जंगली बकरियां घास और हरी पत्तियों की तलाश में जाड़े के दिनों में ऊंचे पहाड़ों तक चली जाती हैं इसके साथ ही गर्मियों में उन्हें पानी की तलाश में काफी नीचे आना पड़ता है. फ्रमकिन के मुताबिक बाड़ लगाने से यह जानवर पूरी तरह खत्म हो जाएगा. सिर्फ जानवर ही नहीं जिन वनस्पतियों के परागण में जीव मदद करते हैं उनका अस्तित्व भी इस वजह से खतरे में पड़ गया है.

पशुओं को बचाने आया कोर्ट

इस्रायल के रक्षा मंत्रालय के खिलाफ कोर्ट के फैसलों ने हाल के सालों में बाड़ लगाने के काम को धीमा किया है. इस्रायली सेना अब पर्यावरण संस्थाओं के साथ मिल कर कोई तरीका ढूंढने में लगी है जिससे कि छोटे जानवरों को इस्रायल और फलीस्तीन के बीच आसानी से घूमने का रास्ता मिल सके. कुछ जगहों पर टेढ़े मेढ़े रास्ते बना कर इसका हल निकाला गया है.

Westjordanland Grenze Flora und Fauna
तस्वीर: Imad Atrash

बाड़ की वजह से इलाके की इकोलॉजी का कितना नुकसान हो रहा है, ठीक ठीक कोई नहीं बता सकता. इमाद अतरश का कहना है कि उनका गुट केंट यूनिवर्सिटी के साथ मिल कर तीन साल के रिसर्च के लिए फंड जुटाने की कोशिश में है जिसमें पश्चिमी तट के बाड़े का यहां के वन्य जीवों पर हुए असर का पता लगाया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि फलीस्तीन और इस्रायल की पर्यावरण संस्थाएं साथ मिल कर भविष्य में रिसर्च करेंगी.

इस्रायल और फलीस्तीन अकेले ऐसे देश नहीं हैं जहां जमीन पर खींची लकीरों ने इंसानों के साथ जीव जंतुओं और पेड़ पौधों तक को अलग किया है. दक्षिण कोरिया-उत्तर कोरिया, भारत- पाकिस्तान, बांग्लादेश-भारत जैसे उदाहरणों की कमी नहीं है. इस्रायल का उदाहरण यह बता रहा है कि ये लकीरें हमसे क्या छीन रही हैं.

रिपोर्ट: वैनेसा ओ ब्रायन/एनआर

संपादन: महेश झा

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