1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मन चुनावों में साइबर सेंधमारी का डर

बेन नाइट
८ सितम्बर २०१७

जर्मन चुनाव के महज तीन हफ्ते पहले चुनाव प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप का भूत गहरा रहा है. हैकर्स ने वोट-काउंटिग सॉफ्टवेयर के पूरी तरह सुरक्षित होने पर आंशका जताई है. रूस के किसी भी हस्तक्षेप से इनकार किया है.

https://p.dw.com/p/2jb2L
Symbolbild Cyberkriminalität
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Fohringer

अमेरिकी चुनावों के बाद से जर्मन चुनावों में भी रूसी हस्तक्षेप को लेकर आशंकायें व्यक्त की गई हैं और इस बीच अब हैकर्स ने जर्मनी को परेशान होने की एक और वजह दे दी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक मतों की गणना के लिये जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है उसमें सुरक्षा संबंधी खामियां पायी गयी हैं. आईटी विशेषज्ञ टॉर्स्टेन श्रोएडर, लीनस नॉयमन और मार्टिन चिरसिच की तिकड़ी ने जर्मन कंपनी वोट आईटी द्वारा तैयार किये गये सॉफ्टवेयर पीसी-वाल पर सवाल उठाये हैं. इस तिकड़ी का दावा है कि जर्मनी में चुनाव के अंतिम निर्णय तो नहीं बदले जा सकते क्योंकि उन्हें हाथ से जांचा जाता है लेकिन प्रांरभिक नतीजे जिनके बल पर राजनेता पहली प्रतिक्रिया देते हैं और मीडिया भी जिनका इस्तेमाल करती है उनमें छेड़खानी की जा सकती है. इस छेड़खानी के चलते देश में अनिश्चितता का माहौल पनप सकता है.

Russland Karikatur zum Thema Russische Hacker in den USA

जर्मन चुनाव बेहद ही पारदर्शी नजर आते हैं, मतदाताओं को केवल कागजी मतपत्र परर पेन से वोट डालने की अनुमति होती है. सारे वोटों की गिनती भी हाथ से ही मतदान केंद्रों पर की जाती है. इसके बाद मतदान केंद्रों के नतीजों को जिला चुनाव अधिकारी को भेजा जाता है. जिलों से सूचना राज्य निर्वाचन अधिकारी और राज्यों से संघीय चुनाव अधिकार को पहुंचती हैं. वोटों की दिनती की सूचना अगले अधिकारी को शीघ्र पहुंचाने के लिए फोन, फैक्स या कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. इस प्रक्रिया में सेंधमारी हेकर्स के लिये बेहद ही आसान है.

नॉयमन ने बताया कि उनके और उनके दोस्तों के लिये इस सॉफ्टवेयर को हैक करना बेहद ही आसान था. जर्मनी के एक अखबार के मुताबिक, "चुनावों में इस्तेमाल होने वाले कुछ सॉफ्टवेयर कोड बेहद ही पुराने हैं जिनमें से कुछ के पासवर्ड इंटरनेट पर एनलिस्ट ढूंढ लेते हैं." नॉयमान का मानना है, "जब मैं और मेरे दोस्त इसे हैक कर सकते हैं तो उपकरणों से लैस किसी सरकारी कंपनी के लिये इसे हैक कर पाना बेहद ही आसान होगा". सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी ने मसले पर कोई  टिप्पणी तो नहीं की लेकिन सुरक्षा संबंधी किसी खामी के होने से साफ इनकार कर दिया है. नॉयमान के मुताबिक उनकी टीम ने कंपनी को इस पूरे मसले की जानकारी दे दी है.

संघीय चुनाव अधिकारी के प्रवक्ता ने इसे गंभीर समस्या बताया है और कहा है कि कुछ दिनों पहले इसका पता चल गया था. इस बीच सॉफ्टवेयर निर्माता ने कई अपडेट की सप्लाई की है ताकि सुरक्षा खामियों को भरा जा सके. प्रांतीय चुनाव अधिकारियों से कहा गया है कि वे मतगणना के नतीजे भेजते समय सही आंकड़ों की सुरक्षा करें.