जर्मन अंतरिक्षयात्री गैर्स्ट धरती पर लौटे
१० नवम्बर २०१४यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ईएसए ने बताया कि 38 वर्षीय अलेक्जांडर गैर्स्ट सोमवार सुबह रूसी सोयुज कैप्सूल में कजाकिस्तान में उतरे. कैप्सूल खुलने के तुरंत बाद उनकी डॉक्टरी जांच की गई और सहायक उन्हें ठंड के कारण कंबल ओढ़ाते हुए देखे गए. वे सोमवार शाम ही कोलोन पहुंच रहे हैं जहां ईएसए के डॉक्टरों की एक टीम उनकी जांच करेगी कि उनके शरीर का तंत्र छह महीने अंतरिक्ष के माहौल में रहने के बाद धरती के गुरुत्वाकर्षण में कैसे ढल रहा है.
रूसी अंतरिक्षयात्री सुरायेव ने यूक्रेन विवाद का नाम लिए बिना अंतरिक्ष स्टेशन पर रूस, अमेरिका और जर्मनी के वैज्ञानिकों के सहयोग की सराहना की. उन्होंने कहा, "सबको आईेसएस के अंतरिक्षयात्रियों की मिसाल से सीखना चाहिए." अंतरिक्ष से वापसी को इसलिए भी कठिन माना जाता है कि महीनों तक अंतरिक्ष के शून्य में रहने के बाद धरती वापसी पर शरीर कमजोरी महसूस करता है.
अलेक्जांडर गैर्स्ट मई के अंत में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आईएसएस में गए थे. 7 अक्टूबर को वे तीसरे जर्मन अंतरिक्षयात्री के रूप में आईएसएस के बाहर निकले और स्टेशन के बाहरी हिस्से में काम किया. वे धरती से 400 किलोमीटर दूर 166 दिनों तक अंतरिक्ष में शोध करते रहे.
रूसी में दिया धन्यवाद
करीब तीन टन भारी सोयुज कैप्सूल कजाकिस्तान के बादल भरे आसमान और ढंडे मौसम में स्थानीय समय के अनुसार करीब 9 बजे उतरा. सहायकों ने अंतरिक्षयात्रियों की बाहर निकलने में मदद दी. सर मुंडाये गैर्स्ट ने सफेद टोपी पहन रखी थी और हंसते हुए मुक्के को ऊपर कर लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे. बाद में गैर्स्ट ने रूसी में सबको धन्यवाद देते हुए कहा कि अपनी पहली अंतरिक्षयात्रा पर वे अच्छा महसूस कर रहे हैं, "सब को सहायता के लिए शुक्रिया."
जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने गैर्स्ट की धरती वापसी पर उन्हें बधाई दी है. कजाकिस्तान का दौरा कर रहे श्टाइनमायर ने कहा, "मेरी इच्छा है कि अंतरिक्षयात्री ऊपर से जो देखते हैं, सीमाहीन धरती, वह हमें कभी कभी याद दिलाए कि हमारे सामने सीमा विवाद से ज्यादा बड़ी समस्याएं हैं." उन्होंने कहा कि पानी और पर्यावरण की समस्या का समाधान उसी जरूरीपन के साथ होना चाहिए.
तीन अंतरिक्षयात्रियों की वापसी के बाद अब अमेरिका के बैरी विलमोर ने आईएसएस की कमान संभाल ली है. उनके अलावा वहां अब रूसी अंतरिक्षयात्री येलेना सेरोवा और अलेक्जांडर सैमोकुत्यायेव आईएसएस पर हैं. अंतरिक्ष स्टेशन बायकोनूर से अगली समानव सोयुज उड़ान 24 नवंबर के लिए नियोजित है. अमेरिकी स्पेस शटल के बंद होने के बाद रूस अकेला देश है जो आईएसएस के लिए अंतरिक्षयात्रियों की उड़ान आयोजित करता है.
एमजे/आईबी (डीपीए, एएफपी)