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जर्मनी में बाल विवाह पर रोक का दबाव

४ नवम्बर २०१६

चांसलर अंगेला मैर्केल के कंजरवेटिव साथी चाहते हैं कि बड़ी संख्या में जर्मनी आए शरणार्थियों में बाल विवाह को रोकने के लिए शीघ्र प्रतिबंध लगाए जाएं.

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Deutschland Berlin Terre des Femmes Protestaktion gegen Kinderehe
तस्वीर: Imago/C. Ditsch

जर्मनी के कंजरवेटिव नेता बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाने और पहले से हो चुके ऐसे विवाहों को निरस्त करने में जल्दबाजी की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि हाल में आए शरणार्थियों में विवाहित नाबालिगों की संख्या को देखते हुए साल के अंत तक इन विवाहों पर प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है. 

मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि पहले से हुई शादियों को निरस्त करने से इन विवाहों से पैदा हुए बच्चों को मिलने वाली पालन पोषण भत्ता जैसी सुविधाओं में समस्या होगी. बाल विवाह के विरोधी भविष्य में बाल विवाह पर रोक के लिए जर्मन कानून में बदलाव के साथ पहले हो चुकी शादियों को भी अवैध घोषित करना चाहते हैं.

मौजूदा जर्मन कानून में लोग 16 साल की उम्र में 18 या 18 से ऊपर के बालिग पार्टनर के साथ फैमिली कोर्ट की अनुमति से शादी कर सकते हैं. लेकिन ऐसे मामलों में समस्या है जहां ऐसा विवाहित दंपत्ति जर्मनी आता है जिसमें एक पार्टनर नाबालिग है. कोलोन में विदेशियों के केंद्रीय रजिस्ट्रेशन दफ्तर के आंकड़ों के अनुसार इस साल जुलाई में 1,475 विवाहित युवाओं को रजिस्टर किया गया था जिनमें 361 की उम्र 14 साल से कम थी.

चांसलर मैर्केल की सीडीयू संसदीय पार्टी के उपनेता श्टेफान हारबार्थ ने जर्मनी के कानून मंत्री एसपीडी के हाइको मास को याद दिलाया है कि गठबंधन समझौते के तहत इस साल के अंत तक बाल विवाह पर रोक लगाई जानी है. हालांकि पिछले सालों में जर्मनी में ऐसी शादियों के मामले नहीं आए हैं जिसमें 18 साल से कम के किसी व्यक्ति ने शादी की हो, लेकिन विदेशियों में बाल विवाह के मामलों को देखते हुए बारबार्थ ने कहा, "जर्मनी में 18 से नीचे शादियां नहीं होनी चाहिए."

केंद्र सरकार में शामिल सीएसयू पार्टी के बवेरिया प्रांत के कानून मंत्री विनफ्रीड बाउसबाक ने मांग की है बाल विवाहों को निरस्त घोषित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा अदालत में इस तरह के मामलों में काफी वक्त लगता है और लड़कियां तकलीफ बर्दाश्त करती रहती हैं जबकि किशोर एजेंसियां हस्तक्षेप नहीं कर पाती. सीडीयू नेता यूलिया क्लॉकनर ने भी कहा है कि नाबालिगों की शादियों के निरस्त होने को सामान्य बात होनी चाहिए. शरणार्थियों के आगमन ने इसकी जरूरत स्पष्ट कर दी है.

इसके विपरीत सोशल डेमोक्रैट नेता बाल विवाह पर पूरी बहस को शरणार्थी विरोधी बता रहे हैं. एसपीडी महासचिव कातारीना बार्ली ने बवेरिया की सीएसयू पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह इसका इस्तेमाल संस्कृतियों और धर्मों के बीच नकारात्मक भावना पैदा करने के लिए कर रहे हैं. इसी महीने कानून मंत्रालय ने घोषणा की थी हाइको मास इस साल के अंत तक बाल विवाह पर नए कानून का मसौदा पेश करेंगे. पुराने ड्राफ्ट में बाल विवाह को अदालतों द्वारा निरस्त किए जाने का प्रावधान था.

एमजे/एके (केएनए, रॉयटर्स)