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जर्मनी में पुलिस साइरन में नई आवाज

६ अगस्त २०१३

जर्मन पुलिस थोड़ी अमेरिकी होने जा रही है. जर्मनी के पांच प्रांतों में पुलिस साइरन में जाने पहचाने टाट्युटाटा के साथ अमेरिकी आवाज येल्प भी जोड़ी जा रही है. पुलिस राज्यों का मामला है, इसलिए फैसला राज्य सरकारें कर रही हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी में पुलिस. फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस का अपना अलग अलग साइरन है. इन आवाजों से समझा जा सकता है कि आपके पीछे कौन आ रहा है ताकि आप फटाफट सड़क पर उनके जाने लिए जगह बना दें. जर्मनी की सड़कों पर आने वाले दिनों में हॉलीवुड की झलक मिलेगी, जब पीछे अचानक पुलिस की गाड़ी होगी. पुलिस की गाड़ी में नीली बत्ती और मार्टिन साइरन के साथ साथ अमेरिका जैसा एक नया सिग्नल टोन शामिल किया जा रहा है.

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पुलिस की तैनातीतस्वीर: picture-alliance/dpa

फिलहाल इसे जर्मनी के 16 में से सिर्फ 6 प्रांतों में लागू किया जा रहा है. इसकी वजह यह है कि पुलिस के कामों से जुड़े सब लोग साइरन की अलग अलग आवाजों और पुलिस की गाड़ी के अलग अलग रंगों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. हेस्से प्रांत में दस साल से ही नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. प्रांतीय गृह मंत्रालय के मार्क कोलबेषर कहते हैं कि पहले पुलिस को हाइवे पर किसी गाड़ी को रोकने के लिए उसके आगे जाना पड़ता था जो सुरक्षा के हिसाब से अच्छा नहीं था. समस्या पर दूसरे प्रांतों को साथ विचार किया गया, लेकिन सहमति न हो पाने के कारण हेस्से ने अकेले ही इसे लागू करने का फैसला किया.

साइरन में नया सिग्नल शामिल करने का मकसद फिल्म जैसा एक्शन का माहौल तैयार करना नहीं है, यह बात इसे लागू करने के लिए जारी अध्यदेश से भी साफ होती है. अगस्त महीने से लागू यह अध्यादेश जर्मनी भर में नए परिवर्तनों का कानूनी आधार होगा. पुलिस की गाड़ी में लगी लाल बत्ती सरकारी भाषा में रुकने का ऑप्टिकल संकेत है. उसकी रोशनी सिर्फ आगे की ओर फेंकी जा सकेगी. नए अध्यादेश के अनुसार इसके साथ एक आकुस्टिक सिग्नल जोड़ा जा सकता है, जिसे स्टॉप साइरन कहा जा रहा है. अमेरिकी साइरन से यह इस हिसाब से अलग होगा कि अमेरिका साइरन पुलिस की तैनाती का साइरन है, जबकि जर्मनी में फसके लिए नीली बत्ती और टाट्युटाटा का इस्तेमाल होता रहेगा.

Rüdiger Butte Landrat in Hameln erschossen Polizeiauto 26.04.2013
अलग अलग रंगतस्वीर: picture-alliance/dpa

पुलिस की गाड़ी में नए सिग्नल के साथ यह स्पष्ट किया जाएगा कि पुलिस का संकेत उनके ही लिए है. जर्मनी के उत्तरी प्रदेश श्लेसविष होलश्टाइन प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता लोथर गारमन कहते हैं, "नए साइरन का मतलब है, पुलिस-रुकिए." इस साइरन के लग जाने से पुलिस को किसी ड्राइवर को रोकने के लिए उसकी गाड़ी को ओवरटेक नहीं करना होगा. हेस्से का अनुभव अच्छा रहा है और यही कारण है कि दस साल बाद कुछ दूसरे प्रांत भी इसे लागू कर रहे हैं.

पुलिस की गाड़ियों को नई तकनीक से लैस करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा. इन गाड़ियों में जिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस समय इस्तेमाल हो रहा है, उसमें नए साउंड को शामिल करने की संभावना है. गाड़ियों की छत पर लगे मोनीटर पर स्टॉप, पुलिस या प्लीज फॉलो के अलावा 430 प्रकार के अंतरराष्ट्रीय टेक्स्ट को दिखाया जा सकता है, ताकि जर्मन न जानने वाला भी पुलिस के संकेत को समझ सके. सॉफ्टवेयर में अमेरिकी येल्प को भी एक्टीवेट किया जा सकता है. रेड प्लैश लाइट नया लगाना होगा. शामिल की जाने वाली तकनीक के अनुसार खर्च आएगा प्रति गाड़ी 1000 से 3500 यूरो.

08.03.2013 deutschland heute polizei
महिला पुलिसकर्मी

श्लेसविष होलश्टाइन में शुरू में हाइवे पुलिस की 20 गाड़ियों को नए साइरन से लैस किया जाएगा. बाद में प्रांत की सभी 700 पुलिस गाड़ियों में नई तकनीक लगा दी जाएगी. हेस्से प्रांत में पहले से ही नई तकनीक लागू कर दी गई है. इन दोनों प्रांतों के अलावा बाडेन वुर्टेमबर्ग, राइनलैंड पलेटिनेट, थ्युरिंजिया और बर्लिन ने नए साइरन को लागू करने का फैसला किया है, जबकि जर्मनी के सबसे बड़े प्रांत नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया ने कहा है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. पुलिस के पास अपनी ओर ध्यान दिलाने के दूसरे साधन भी हैं. फिलहाल इसे लागू करने वाले प्रांतों के अनुभवों पर नजर रखी जा रही है.

विशेषज्ञों का ध्यान इस बात पर भी है कि देश की सड़कों पर पुलिस की गाड़ियों में अलग अलग लाइट और अलग अलग साइरन लोगों के लिए मुस्किलें पैदा कर सकते हैं. इस बीच पुलिस की वर्दियों और गाड़ियों के रंग में भी समानता नहीं रही है. पुलिस ट्रेड यूनियन का कहना है कि नागरिकों का अधिकार है कि वे देश भर में एक समान दिखने वाले पुलिसकर्मियों को देखें.

रिपोर्ट: महेश झा (डीपीए)

संपादन: निखिल रंजन

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