1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मनी में इस्लामिक स्टेट को समर्थन बैन

१३ सितम्बर २०१४

जर्मनी ने इस्लामिक स्टेट को किसी भी तरह के समर्थन पर प्रतिबंध लगा दिया है. सीरिया और इराक में जिहाद के नाम पर हिंसा कर रहा मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन आईएस अल कायदा से निकला है और खिलाफत स्थापित करने का दावा करता है.

https://p.dw.com/p/1DBOP
तस्वीर: Alexander Koerner/Getty Images

जर्मनी के गृहमंत्री थोमास दे मेजियेर ने बर्लिन में घोषणा करते हुए कहा कि प्रतिबंध का मकसद आईेएस को किसी भी तरह की आर्थिक मदद रोक कर लड़ाकों की बढ़ती हिम्मत को रोकना है. साथ ही जर्मनी में तुर्क और अरब समुदाय के लोगों में आईएस संचालित जिहाद के प्रति पनप रहे जोश को ठंडा करना है. उन्होंने कहा, "हमें कट्टरपंथी इस्लामियों को हमारे शहरों तक जिहाद लाने से रोकना होगा."

हालांकि जर्मनी ने अभी तक इस्लामिक स्टेट को आतंकी संगठन घोषित नहीं किया है. जर्मनी नहीं चाहता कि उसके नागरिक इस्लामिक स्टेट को किसी भी तरह का समर्थन करें या उसके साथ जिहाद में शामिल हों. खासकर तब जब जर्मनी से कई युवाओं के जिहाद में शामिल होने की खबरें आ रही हैं. गृह मंत्री ने कहा, "आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट जर्मनी में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है." उनके मुताबिक 400 से ज्यादा जर्मन नागरिक इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के साथ लड़ रहे हैं. इनमें से 40 मारे जा चुके हैं, ज्यादातर आत्मघाती हमलों में.

100 से ज्यादा जिहादी जर्मनी वापस लौट आए हैं. इनमें कई बड़े कड़वे अनुभवों के साथ लौटे हैं और वे नफरत के सिवा कुछ नहीं जानते. मेजियेर ने कहा, "हम नहीं जानते वे क्या कर रहे हैं, लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में वे हमले करें." इस्लामिक स्टेट सोशल मीडिया पर जर्मन युवाओं को लुभाने के लिए जर्मन भाषा में अभियान भी चला रहा है. मेजियेर के मुताबिक वे युवा लड़के लड़कियों को जिहाद के लिए उकसा रहे हैं.

यह फैसला ठीक उसी समय आया है जब अमेरिका ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के कट्टरपंथियों पर कार्रवाई की घोषणा की. अरब के 10 देशों ने कहा है कि वे सीरिया और इराक में आईएस लड़ाकों पर अमेरिकी कार्रवाई का साथ देंगे. जबकि ब्रिटेन और जर्मनी ने कहा है कि वह सीरिया पर हवाई हमलों में शामिल नहीं होंगे. इससे पहले जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इराक में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से युद्ध कर रहे कुर्द सैनिकों की मदद के लिए हथियार भेजने का असामान्य पैसला किया. इससे पहले जर्मनी संघर्ष की स्थिति में किसी भी तरह हिस्सादारी न निभाने की नीति पर टिका रहा है.

एसएफ/एएम (रॉयटरर्स/डीपीए)