जर्मनी भारत का स्वाभाविक सहयोगी
५ अक्टूबर २०१५मई 2014 में भाजपा के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा पर जर्मन चांसलर मैर्केल ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ लंबी बातचीत की. मैर्केल और उनके साथ गए मंत्रियों ने भारत सरकार के साथ कुल 18 समझौतों पर दस्तखत किए. इसमें स्वच्छ ऊर्जा और जर्मन कंपनियों के लिए लाइसेंस पाने की प्रक्रिया को तेज करने का समझौता शामिल है.
जर्मन चांसलर के साथ तीन घंटे की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम जर्मनी को भारत के आर्थिक परिवर्तन में अपना स्वाभाविक सहयोगी समझते हैं. जर्मनी की क्षमता और भारत की प्राथमिकताएं एक दूसरे से जुड़ी हैं."
भारत में करों के स्तर, भ्रष्टाचार और कारोबार करने की बाधाओं से विदेशी कंपनियां परेशान रही हैं. लेकिन बहुत से आर्थिक नेताओं ने भारत को कारोबार के लिए तेज और भरोसेमंद जगह बनाने के नरेंद्र मोदी के प्रयासों का स्वागत किया है. भारत और जर्मनी ने पेरिस जलवायु सम्मेलन से पहले भारत में स्वच्छ ऊर्जा कॉरीडोर बनाने तथा सौर ऊर्जा उद्योग के विकास के लिए 2 अरब यूरो के जर्मन निवेश के समझौतों पर दस्तखत किए.
जर्मन चांसलर मैर्केल ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत के बाद कहा, "ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग अत्ंयत प्रमुख है, खासकर देहाती इलाकों का अन्वेषण और विकास हमारे एजेंडा पर है." जर्मनी और भारत के बीच इस समय साझा कारोबार 16 अरब यूरो का है. जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे महत्वपूर्ण कारोबारी सहयोगी है. मैर्केल तथा मोदी ने कहा है कि वे पारस्परिक व्यापार को और बढ़ाना चाहते हैं.
मंगलवार को चांसलर मैर्केल और प्रधानमंत्री मोदी बैंगलुरू में भारत और जर्मनी के कारोबारियों की बैठक में हिस्सा लेंगे और बॉश कंपनी का विकास केंद्र देखने जाएंगे.
एमजे/ओएसजे (एएफपी)