जर्मनी की लेटेस्ट हाई-स्पीड रेल की खूबियां
दिसंबर 2017 से जर्मनी की मुख्य रेल कंपनी डॉयचे बान लेटेस्ट जेनरेशन की हाई स्पीड आईसीई 4 रेल पटरियों पर दौड़ाने लगेगी. जानिए इसकी खूबियां.
रेलों की रानी
डीबी के प्रमुख रुडिगर ग्रुबे बर्लिन में नई ट्रेन का अनावरण करते हुए. जर्मन रेल का सबसे मशहूर ब्रांड आईसीई असल में टिकटों की कुल बिक्री का केवल 8-10 फीसदी ही लाती है.
लेटेस्ट मॉडल
नया मॉडल आईसीई 4 (दाएं) वर्तमान आईसीई 3 के साथ खड़ा. नए मॉडल की लंबाई करीब 350 मीटर है और इसमें 830 सीटें हैं.
अंदर खुली खुली
इसमें 1,000 यात्री आराम से फिट हो सकते हैं. लेकिन इसे काफी खुली जगह रखते हुए आरामदायक बनाया गया है. पैर फैलाने के लिए ज्यादा जगह, सामान और व्हीलचेयर रखने के लिए भी अभी की ट्रेनों से अधिक जगह होगी.
ऊर्जा बचाएगा
बेहद तेज गति से चलने के बावजूद यह काफी कम आवाज करेगी. इसकी ऊर्जा की खपत भी पहले आईसीई के मुकाबले प्रति यात्री करीब 22 फीसदी कम होगी. पहली आईसीई करीब 25 साल पहले आई थी, जिसकी अधिकतम स्पीड 250 किलोमीटर प्रति घंटा थी. आईसीई की गति 300 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा
फ्रांस की टीजीवी 1981 से चल रही है और स्पी़ड के तमाम रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. इसका एजीवी वर्जन 574 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चल सकता है. आम तौर पर इसे 320 की अधिकतम स्पीड तक ही चलाया जाता है.
सबसे तेज बुलेट
आमतौर पर बुलेट ट्रेन के नाम से मशहूर जापान की शिनकासेन ट्रेन को पहली आधुनिक हाई स्पीड ट्रेन कहा जा सकता है. यह 1964 में टोक्यो ओलंपिक के समय शुरु की गई थी और 210 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलती थी. नए मॉडल तो 320 की गति तक जा सकते हैं.