जर्मनी का सबसे पुराना पर्यटन मार्ग
जर्मनी के सबसे पुराने पर्यटन मार्ग की शुरुआत 1927 में हुई थी. गाड़ियों के उस शुरुआती दौर में आल्प्स के दर्रों से हो कर गुजरने का रोमांच था. आज भी आप इस रास्ते पर मनमोहक दृश्य और इमारतें देख सकते हैं.
ऐतिहासिक पर्यटन मार्ग
शुरुआती दिनों में इस तरह के रास्तों की शुरुआत करने वालों का ध्यान गाड़ियों से पर्यटक स्थलों को जोड़ने पर रहता था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पुनर्निर्माण के बीच गाड़ियां सस्ती भी हो गई थीं. 1950 के दशक से जर्मन एल्पाइन रोड की लोकप्रियता बढ़ने लगी.
कॉन्स्टेंस झील के किनारे
करीब 450 किलोमीटर लंबी एल्पाइन रोड पर आप दोनों दिशाओं में गाड़ी से जा सकते हैं. यात्रा शुरू करते हैं जर्मनी की सबसे बड़ी झील कॉन्स्टेंस के किनारे बसे लिंडाऊ में. यह एक पुराना शहर है जहां से आल्प्स पहाड़ नजर आने शुरू भी हो जाते हैं.
अलगॉय प्रांत में इलरटाल घाटी
इस पर्यटन मार्ग का मुख्य आकर्षण अल्पाइन इलाकों की खूबसूरत वादियां हैं. अलगॉय में यह रास्ता इलरटाल घाटी से हो कर गुजरता है. सर्दियों के खेलों के लिए जाने जाने वाले रिसॉर्ट ओबर्सडॉर्फ के पास होर्नरग्रुप्पे पहाड़ों का यह नजारा देखिए.
श्रेकसी झील
आज गाड़ियों से सफर करना उतना उचित नहीं माना जाता, इसलिए पहाड़ों में पैदल चलना स्वाभाविक रूप से एक अच्छा आईडिया है. अलगॉय आल्प्स की पहाड़ियों में हिंटरश्टाइनर घाटी से होता हुआ श्रेकसी झील तक जाने वाला यह रास्ता 1813 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
नॉयश्वानश्टाइन किला
जर्मनी के एल्पाइन मार्ग पर एक विश्व-प्रसिद्ध आकर्षण भी है. न्यू श्वानश्टाइन किले तक आप गाड़ी से नहीं पहुंच सकते. यहां पहुंचने के लिए आपको या तो पैदल जाना पड़ता है या घोड़ा गाड़ी से.
एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी
बवेरिया के फाफेनविंकल में स्थित यह छोटा सा चर्च एक तीर्थ स्थल है. वीसकिर्षे चर्च घास के मैदान के बीच स्थित है और रोकोको शैली में बना है. इसे 18वीं सदी के मध्य में बनाया गया था और यह 1983 से यूनेस्को विश्व धरोहर है.
टेगेर्नसी झील
बवेरिया की कई जगहों को उनके चर्चों की वजह से जाना जाता है. इनमें टेगेर्नसी का तथाकथित 'पेंटर्स कॉर्नर' भी शामिल है. रोटाख-एगर्न नाम के ऐतिहासिक गांव में संत लॉरेंशियस का चर्च एक प्रमुख स्थल है. झील के किनारे ही एक ब्रूअरी भी है, जहां कई मशहूर लोगों के घर हैं.
बैर्स्टेसगाडेन के पास वात्समन पहाड़
वात्समन पहाड़ इस मार्ग का सबसे ऊंचा आकर्षण है. 2,713 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह पहाड़ जर्मनी का तीसरा सबसे ऊंचा पहाड़ है और अपने अनोखे आकार की वजह से सबसे बड़ा भी लगता है.
कोएनिगजे झील
जर्मन एल्पाइन मार्ग पर हमारी यात्रा पानी से शुरू हो कर पानी पर ही खत्म होती है. वात्समन पहाड़ के नीचे स्थित कोएनिगजे झील जर्मनी की सबसे साफ झीलों में से है. यहां भी एक चर्च पास ही है. आप बिजली से चलने वाली एक नाव से झील पार कर संत बार्थोलोमा के चर्च तक जा सकते हैं. (आंद्रेआस किरशॉफ)