जर्मनी का खास महीना मई
जर्मनी में मई का महीना फूलों, डांस, खास पेय के लिए जाना जाता है. मई की शुरुआत डायनों की रात से होती है.
मई की आग
जर्मनी के कई गांवों में पहली मई को आग जलाई जाती है. और लोग इस पर से कूदते हैं. इलाकों में कई बार मिट्टी और घास फूस से बनी डायनों को जलाया जाता है.
डायन की रात
इंग्लैंड से सातवीं सदी में सेंट वालपुर्गा जर्मनी आईं. इस दिन उन्हें याद किया जाता है. माना जाता है कि मध्यकाल से हर साल इस दिन डायनें वाल्पुर्गा की याद में नाचती थीं. अब महिलाएं इस रात को नाचती और गाना गाती हैं.
मई में मुहब्बत
पेड़ को सुंदर रंगीले कागज से सजाया जाता है और उसे ऐसी जगह पर रखा जाता हैं जहां सब उसे देख सकें. कई जर्मन गांवों में यह अब भी होता है और इसे प्यार की निशानी मानते हैं. कई लड़के अपनी प्रेमिकाओं के घर के बाहर ऐसे पेड़ छोड़ जाते हैं.
नाचना और गाना
कई लोग डायनों की पार्टी पसंद करते हैं तो कई लोग लोक संगीत पर नाचना. दक्षिणी जर्मनी में पारंपरिक नाचों का आयोजन होता है और सब अपने पारंपरिक पहनावे में आते हैं.
खास पेय
मेबोल बनाया जाता है पारंपरिक तरीके से. इसमें शराब होती है. माना जाता है कि नौवीं सदी में एक मठ के संतों ने इसे दिल और कलेजे को ताकत देने के लिए बनाया था.
मई की तस्वीर
चॉक से बना यह दिल मई की खासियत है. जर्मनी और ऑस्ट्रिया में यह एक पुरानी परंपरा है और इसके जरिए गांव में दो प्यार करने वालों की बात होती है जिन्होंने अपने प्यार का खुलेआम इजहार न किया हो.
मई का मेला
मई के महीने में जर्मनी में कई मेले भी होते हैं. लोग नए पौधे लगाते हैं, नाचते गाते हैं और फूलों के मौसम का स्वागत करते हैं.
मां का मई
1644 में ब्रिटेन में मदरिंग डे शुरू किया गया और 1923 से जर्मनी में भी मदर्स डे यानी मां का दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है.