जब कुदरत खेल खेलती है..
2015 तबाहियों से भरा हुआ साल रहा. कहीं भूकंप तो कहीं बाढ़, कुदरत शायद हम इंसानों को जलवायु परिवर्तन का असर दिखा रही है.
किसने सोचा था
चेन्नई की बाढ़ 260 से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है. एक महीने से लगातार बरसात के कारण पूरा शहर पानी से भरा रहा. लोग बिना बिजली और संचार माध्यमों के जीने पर मजबूर हो गए. बेहद कम बरसात अनुभव करने वाले चेन्नई में इस बार लगातार हो रही भारी बारिश के लिए "एल नीनो" को जिम्मेदार माना जा रहा है.
तूफान से तबाही
चीन में डुजुयान तूफान 119 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पहुंचा. सितंबर के अंत में आए इस तूफान के कारण 31 हजार हेक्टेयर के इलाके में बाढ़ आई और 400 घर तबाह हो गए. फुजियान इलाके में आए इस तूफान से बचने के लिए अधिकारियों ने तट पर रेत की बोरियां लगाईं, जिनसे बहुत ज्यादा असर नहीं हो सका.
खतरनाक खूबसूरती
43 साल तक चिली का कालबुको ज्वालामुखी शांत बैठा था. 22 अप्रैल 2015 को यह अचानक इतनी जोर से फटा कि आसमान में 15 किलोमीटर तक राख उठी. आसपास 20 किलोमीटर तक के इलाके को खाली कराना पड़ा. 24 अप्रैल को यह एक बार फिर फटा, और फिर 30 अप्रैल को भी.
कैसे बचाएं
काठमांडू में एक घर के मलबे से बच्चे को निकालने की कोशिश में लगे राहतकर्मी. यह तबाही भी अप्रैल के महीने में ही आई. भूकंप इतना ताकतवर था की नई दिल्ली तक उसके झटके महसूस किए गए. एक बड़े झटके के बाद नेपाल को कई छोटे झटकों से गुजरना पड़ा. इनमें 8800 लोगों की जान गयी.
राख ही राख
जून 2015 में सुमात्रा द्वीप के माउंट सिनाबुंग में ज्वालामुखी फटा. 2460 मीटर ऊंचे इस पहाड़ से इतनी राख उठी कि आसपास के सभी इलाके इससे भर गए. लोगों के घरों पर राख की चादर सी फैल गयी. कुछ लोग खुद को बचाने के लिए सर पर प्लास्टिक के थैले भी पहनने लगे. हालांकि इसमें किसी की जान को नुकसान नहीं पहुंचा.
कुदरत से लड़ाई
यह दृश्य है अमेरिका के कैलिफोर्निया का, जहां सितंबर में ऐसा सूखा पड़ा कि एक चिंगारी भी जंगल की आग भड़काने के लिए काफी होती. तस्वीर में दिखाई दे रहे व्यक्ति की तरह अमेरिका में 10,500 दमकलकर्मी आग को बुझाने के काम में लगे रहे. हजारों लोगों को अपना घर छोड़ कर जाना पड़ा.