जब आग उगले धरती
हवाई के सबसे बड़े द्वीप में किलोवेया ज्वालामुखी आग उगल रहा है. यह दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. किलोवेया का हजारों डिग्री गर्म लावा बहते हुए रिहाइशी इलाकों में जा पहुंचा है.
चपेट में आया मकान
किलोवेया से जब लावा बहने लगा तब रिसर्चरों को उम्मीद नहीं थी कि ये पास के गांव पाहोआ तक पहुंचेगा. लेकिन धीरे धीरे लावे ने गांव को अपने चपेट में लिया. लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है लेकिन कई घर जलकर लावे में मिल गए.
आग की लपटें
किसी बहते द्रव की तरह लावा ढलान में आगे बढ़ता गया और समतल जगह में फैलता गया. किलोवेया ज्वालामुखी 1983 से सक्रिय तो है लेकिन इसमें 20 साल तक कोई विस्फोट नहीं हुआ. इस साल जून में किलोवेया से लावा बाहर आने लगा.
आबादी के लिए खतरा
तस्वीर में जिन जगहों पर धुआं दिख रहा है वहां से गुजरता हुआ लावा आगे बढ़ रहा है. अक्टूबर 2014 में लावा पाहोआ गांव से कुछ ही मीटर दूर था. नंवबर में यह गांव में घुस गया. फिलहाल लावा एक जगह रुका हुआ है.
सामने आई हर चीज तबाह
लावे की नदी कुछ जगहों पर 50 मीटर चौड़ी है. इसके आगे बढ़ने की रफ्तार 16 मीटर प्रतिघंटा आंकी गई. इसके रास्ते में जो भी चीज आई वो कुछ ही सेकंडों के भीतर लावे में बदल गई.
उठती लपटें
लावे के सबसे आगे वाले हिस्से पर दिखती आग की लपटें बता रही हैं कि पिघला पदार्थ वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन की मदद से सुलग रहा है. लावे का तापमान ज्वालामुखी की भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करता है.
घिर गए कई मकान
यह मकान जुलाई से लावे में घिरा है. इस तस्वीर का इस्तेमाल ज्वालामुखी और लावे से होने वाले खतरे को बताने के लिए किया जा रहा है.
अद्भुत नजारा
आम तौर पर हवाई से निकलने वाला लावा प्रशांत महासागर की तरफ बहता है. खौलता लावा जब समुद्र के ठंडे पानी से टकराता है तो अपार ऊर्जा भाप बनकर निकलती है. लावे और पानी के तापमान में भारी अंतर की वजह से विस्फोट भी होते हैं.
धरती के गर्भ में छुपे राज
वैज्ञानिकों के मुताबिक ज्वालामुखी विस्फोट के सहारे धरती खुद को संतुलित करती है. जमीन में मौजूद भारी तत्व हमेशा धरती के गर्भ की ओर बहते हैं. ज्वालामुखी के सहारे हल्के तत्व बाहर आते हैं.
काला कालीन
जहां कभी हरियाली लहलहाती थी अब वहां काला कालीन बिछा है. ठंडा होने के बाद यह लावा या तो मिट्टी में बदल जाएगा या फिर चट्टान बन जाएगा. लावा कब ठंडा होगा, इसका अनुमान ज्लावामुखी से इसकी दूरी और बहाव के व्यवहार से लगाया जाता है.
आपात इंतजाम
लावे के बहाव को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. पाहोआ में बिजली के खंबों को लावे के बचाने के लिए खास तौर पर मिट्टी और इंसुलेटर से ढंका गया.