चैंपियंस लीग में जर्मन क्लब
चैंपियंस लीग में पहली बार जर्मनी की दो टीमें फाइनल में आमने सामने हैं. देखते हैं चैंपियंस लीग में कैसा रहा है जर्मन क्लबों का प्रदर्शन.
जर्मनों के बीच पहला फाइनल
इस खेल में चैंपिंयस लीग ही नहीं, बल्कि जर्मनी की सबसे अच्छी टीम भी तय हो गई. 25 मई को लंदन के वेंब्ले स्टेडियम में खेले गए फाइनल में डॉर्टमुंड को हराकर बायर्न म्यूनिख बना चैंपियन. ट्रॉफी के साथ कोच युप हाइंकेस.
पुस्कास का कारनामा
हंगरी के फुटबॉल स्टार पुस्कास की टीम के खिलाफ फ्रैंकफर्ट को 1960 में मुंह की खानी पड़ी. पुस्कास ने सवा लाख से ज्यादा दर्शकों के सामने चार गोल दागे.
म्यूनिख का दबदबा
जर्मनी की सबसे लोकप्रिय टीम बायर्न म्यूनिख ने 1974 में एथलेटिको मैड्रिड को हरा कर खिताब जीता.
लीवरपूल से हार
जर्मन टीम मोएंशेनग्लाडबाख को 1977 में इंग्लैंड की लीवरपूल क्लब से हार का सामना करना पड़ा.
बर्लिन की भी हार
तीन साल बाद 1980 में बर्लिन को भी इस बात को स्वीकार करना पड़ा कि इंग्लैंड की टीमें उनसे बेहतर हैं. नॉटिंघम फॉरेस्ट से 1-0 से बर्लिन की टीम को हारना पड़ा.
बार बार हार
ऐसा ही कुछ दो साल बाद हुआ, जब बायर्न की टीम को एस्टन विला से एक गोल से हारना पड़ा. मायूस दिख रहे कार्ल हाइंस रुमेनिगे, डीटर होनेस और पाउल ब्राइटनर.
हैम्बर्ग को कामयाबी
अगले साल 1983 में जर्मन टीम हैम्बर्ग को इटली के युवेंटेस से जीत मिल गई. टीम ने 1-0 से जीत हासिल की.
फिर हारा बायर्न
1987 के फाइनल में खेल खत्म होने के 13 मिनट पहले तक बायर्न पोर्तो पर हावी था लेकिन इसके बाद पोर्तो ने ताबड़तोड़ दो गोल कर बायर्न म्यूनिख को पराजित कर दिया.
कहानी 16 सेकेंड की
1997 में डॉर्टमुंड युवेंटेस से 2-1 से आगे था. कोच ने अचानक अतिरिक्त खिलाड़ी को मैदान पर भेजा, जिसने 16 सेकेंड में गोल कर दिया. डॉर्टमुंड 3-1 से जीता.
मुंह से छीनी जीत
1999 में बायर्न और मैनचेस्टर यूनाइटेड का मैच ऐतिहासिक था, जब जर्मन टीम एक गोल से आगे चल रही थी. खेल के अतिरिक्त समय में मैनयू ने दो गोल दाग कर खिताब हथिया लिया.
बायर्न की वापसी
इस शर्मनाक हार के बाद 2001 में बायर्न म्यूनिख ने मिलान को बुरी तरह पराजित कर खिताब पर कब्जा किया.
बायर्न का बुरा सपना
मिलान के डिएगो मिलिटो हमेशा म्यूनिख को परेशान करते हैं. 2010 के मैच में मिलिटो ने दो गोल करके अपनी टीम को जिता दिया.
बायर्न फिर हारा
2012 में बायर्न म्यूनिख को चेल्सी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. अपने ही शहर और अपने ही बेहतरीन स्टेडियम में, अपने दर्शकों के बीच.