चूर हुआ उकाब का सपना
४ मई २०१०जर्मन भाषा में आडलर का मतलब होता है उकाब. मशहूर गोलकीपर येन्स लेमान और ओलिवर कान के बाद उकाब की तरह ही गोलकीपर के रूप में रेने आडलर की उड़ान शुरु हुई थी. बुंडेसलीगा में बायर लेवरकूज़ेन के लिए खेलने वाले 25 वर्षीय रेने का कहना है कि विश्वकप में न खेलना उसकी ज़िदगी का सबसे कठिन निर्णय है, लेकिन उसे अपने प्रति, व साथ ही, अपने क्लब व राष्ट्रीय टीम के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभानी है.
टूटी पसली की वजह से कई हफ़्तों तक मैदान से बाहर रहने के बाद पिछले शनिवार को रेने आडलर हैर्था बर्लिन के ख़िलाफ़ अपने क्लब की ओर से मैदान में उतरा था. यह मैच 1-1 से ड्रॉ रहा. जर्मन टीम के डाक्टर हांस विल्हेल्म म्युलर वोहलफ़ार्ट द्वारा जांच के बाद पता चला कि चोट अनुमान से कहीं गंभीर है. रेने का कहना है कि मेडिकल आधार पर अब भी खेलना मुमकिन है. लेकिन एक लंबे और गहन टूर्नामेंट के लिए यह गैरज़िम्मेदराना होता. विश्वकप की टीम में ऐसे खिलाड़ी होने चाहिए, जो सौ फ़ीसदी फ़िट हों.
अब राष्ट्रीय कोच को एक नया गोलकीपर ढूंढ़ना होगा. शाल्के क्लब के गोलकीपर मानुएल नॉयर फ़िलहाल आडलर की जगह पर मैदान में उतरेंगे. वैर्डर ब्रेमेन के टिम वीज़े भी टीम के साथ हैं. तीसरे गोलकीपर के रूप में म्युनिख के वरिष्ठ खिलाड़ी हांस योएर्ग बट्ट को सात साल बाद फिर से बुलाया जा सकता है. इसी प्रकार डोर्टमुंड के गोलकीपर रोमान वाइडेनफ़ेलर भी उम्मीद लगा सकते हैं.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: राम यादव