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चुनाव के अंतिम चरण में कारोबारी बीजेपी में

२ फ़रवरी २०१५

दिल्ली विधान सभा के चुनाव प्रचार के बीच 100 से ज्यादा युवा कॉरपोरेट हस्तियां और प्रोफेशनल पार्टी में शामिल हुए हैं. यह पहला मौका है जब गैरसरकारी कंपनियों के इतने सारे अधिकारी एक साथ किसी पार्टी में शामिल हुए हों.

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तस्वीर: picture alliance/Pacific Press Agency

कॉरपोरेट हस्तियां और पेशेवर बीजेपी प्रमुख अमित शाह और भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए. इस समारोह में बोलते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कॉरपोरेट जगत से अपील की कि वह सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों का फायदा उठाकर देश में रोजगार के मौके पैदा करने में मदद करे.

उन्होंने मेक इन इंडिया और भूअधिग्रहण अध्यादेश का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे भारत का कारोबारी माहौल बदला है. उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भारत की छवि बदल रही है. पार्टी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पार्टी में शामिल होने वाले युवा पेशेवरों में लुफ्तांसा के परवेज आलमगीर खान, एटीएंडटी की नीता अग्रवाल और आइकॉन ग्रुप के जगप्रीत लांबा शामिल हैं.

एक ओर युवा कारोबारी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महंगाई रोकने के लिए कुछ नहीं किया है. रविवार को चुनाव सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि एलपीजी सबसिडी सीधे बैंक खातों में भेजी जाएगी. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी सबसिडी खत्म करने पर विचार कर रहे हैं.

उधर चुनावों से पहले बीजेपी का कलह सामने आ रहा है. मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार और कृष्णानगर से चुनाव लड़ रहीं किरण बेदी के चुनाव कार्यक्रमों के प्रभारी नरेंद्र टंडन ने आज उन पर "तानाशाही रवैया अपनाने" का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया लेकिन फिर बाद में इसे वापस भी ले लिया. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भेजे इस्तीफे में टंडन ने कहा कि वह पिछले करीब 30 साल से भाजपा से जुड़े हैं और पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे हैं, लेकिन जिस तरह बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है वह उससे आहत हैं और उनके तानाशाही आदेशों को नहीं मान सकते.

उन्होंने लिखा है, "बेदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर निर्ममता से डंडे बरसाये थे, वही किरण बेदी आज हम पर राज करेंगी. मैं पिछले दस दिन से श्रीमती बेदी के कार्यक्रम और सारे रुट देख रहा था और जिस तरह वह हम लोगों को डिक्टेशन दे रही थीं, वह असहनीय हो गया था. बेदी बात बात पर मुझे जलील करती थीं, मैंने 11 दिन पूरी मेहनत और लगन से काम किया पर अब नहीं कर सकता."

बाद में टंडन ने अमित शाह से मिलने के बाद अपना इस्तीफा वापस लेते हुए कहा, "मैं पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता था और रहूंगा. मैं कुछ भावुक हो गया था लेकिन अब मैंने इस्तीफा वापस ले लिया है और मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा."

एमजे/आईबी (पीटीआई, वार्ता)