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चीयर गर्ल्स क्रिकेट को कैसे आगे बढ़ाती हैं

१३ जनवरी २०११

क्रिकेट को चीयर गर्ल्स कैसे आगे बढ़ा सकती है या फिर आईपीएल में खिलाड़ियों की ग्लैडिएटर्स की तरह बोली क्यों लगाई जाती है. बीसीसीआई के अधिकारियों से वित्त मामलों की स्थाई संसदीय समिति के सदस्यों ने ये सवाल किए हैं.

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तस्वीर: Fotoagentur UNI

आईपीएल में हुई वित्तीय धांधली के बारे में पूछताछ के दौरान स्थाई संसदीय समिति ने बीसीसीआई के अध्यक्ष शंशाक मनोहर, सचिव एन श्रीनिवासन और आईपीएल कमीश्नर चिरायु अमीन से कई सवाल पूछे.
बीसीसीआई ने दावा किया कि आईपीएल क्रिकेट को आगे लाने में मददगार साबित होगा और नए खिलाड़ियों को आकर्षित करेगा. लेकिन चीयर गर्ल्स किस तरह से क्रिकेट को फायदा देंगी, इस पर बीसीसीआई के अधिकारी कोई सफाई नहीं दे सके. पीटीआई समाचार एजेंसी ने बीसीसीआई का हवाला देते हुए लिखा है कि चीयर्स गर्ल्स का चलन आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी ने शुरू किया.
बीजेपी के सासंद यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाली समिति के कुछ सदस्यों ने खिलाड़ियों के ग्लैडिएटर्स की तरह बोली लगाने के मुद्दे पर सवाल उठाया. उनका कहना था कि इससे रोमन साम्राज्य की याद आती है जहां लोगों को शारीरिक क्षमता के आधार पर बेचा जाता था.

शंशाक मनोहर, श्रीनिवासन और अमीन से समिति ने करीब दो ढाई घंटे सवाल जवाब किए. संसदीय समिति ने बीसीसीआई से आईपीएल के राजस्व के बारे में सवाल किए और पूछा कि देशी विदेशी खिलाड़ियों को वेतन किस आधार पर दिया जाता है.

2009 में दक्षिण अफ्रीका में हुई टी20 आईपीएल चैंपियनशिप के बार में भी संसदीय समिति ने सवाल पूछे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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