चीन में "हम दो, हमारे दो"
चीन ने एक बच्चा नीति खत्म करने का एलान किया है. समाज की बदहाली और आर्थिक भविष्य से घबराने के बाद ऐसा किया जा रहा है.
एक बच्चा नीति
एक पार्टी शासन वाले चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने 1979 में एक बच्चा नीति लागू की. तब इसका मकसद जनसंख्या वृद्धि को रोकना था.
जबरन गर्भपात
140 करोड़ की आबादी वाला चीन जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा देश है. बीते तीन दशकों में वहां जबरन गर्भपात के हजारों मामले सामने आए.
लिंगानुपात अस्त व्यस्त
36 साल से चल रही एक बच्चा नीति के कारण चीन में लिंगानुपात बुरी तरह गड़बड़ा गया है. पितृसत्तामक समाज होने के कारण वहां भी लड़कों की पैदाइश को ज्यादा महत्व दिया गया. चीन में 117 लड़कों पर 100 लड़कियां हैं.
करोड़ों पुरुष अकेले
एक बच्चा नीति के चलते चीन ने 40 करोड़ से ज्यादा बच्चों की पैदाइश रोकी. इसका नतीजा यह है कि 2020 तक चीन में 3 करोड़ पुरुषों के लिए कोई महिला नहीं होगी.
बुढ़ापे का डर
हॉन्ग कॉन्ग में चाइनीज यूनिवर्सिटी के विली लाम के मुताबिक, "अगर जन्म दर को नहीं बढ़ाया गया तो बहुत जल्द, 20 साल से भी पहले तीन चौथाई आबादी बूढ़ी होगी."
देश से पलायन
एक बच्चा नीति से परेशान हजारों लोग देश छोड़कर चले गए. हर साल ऐसे कई मामले आते हैं जब चीनी जोड़े दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए विदेश जाते हैं.
अब समझ आई
भविष्य के इस संकट को टालने के लिए चीन ने 2013 में एक बच्चा नीति में हल्की ढील दी. लेकिन एक शर्त यह थी कि मां बाप में से किसी को एक अपने पैतृक परिवार का अकेला सदस्य होना चाहिए. अब ऐसी बंदिशें भी हटाने की तैयारी हो रही है.