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चीन में बच्चों से नमाज पढ़ने को कहा तो खैर नहीं

१३ अक्टूबर २०१६

चीन में मुसलमानों की बड़ी आबादी वाले शिनचियांग प्रांत में सरकार ने नए शिक्षा नियम लागू किए हैं. इनके मुताबिक माता पिता बच्चों से नमाज पढ़ने या किसी धार्मिक गतिविधि में शामिल होने के लिए नहीं कह सकते.

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China Hui-Mädchen vor der Niujie-Moschee
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Wong

चीन में आधिकारिक तौर पर किसी भी धर्म को मानने की आजादी है लेकिन नाबालिगों को किसी भी धार्मिक गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं है. हाल के सालों में चीनी अधिकारियों ने भूमिगत चलने वाले कई मुस्लिम मदरसों पर कार्रवाई की है. एक नवंबर से लागू होने वाले नए शिक्षा नियमों में कहा गया है कि माता-पिता बच्चों को कोई लालच देकर या फिर जोरजबरदस्ती से किसी धार्मिक गतिविधि में हिस्सा लेने को मजबूर नहीं कर सकते.

शिनचियांग डेली अखबार में छपे इन नियमों के मुताबिक माता-पिता या उनके अभिभावक बच्चों में न तो किसी तरह के चरमपंथी विश्वासों को बढ़ावा दे सकते हैं और न ही उन्हें खास कपड़े पहनने या प्रतीकों को धारण करने के लिए कह सकते हैं. साथ ही अखबार ने दाढ़ी रखने और महिलाओं के लिए सिर ढकने पर पाबंदी वाले पुराने नियमों का भी जिक्र किया है.

नियमों के मुताबिक स्कूलों में धार्मिक आयोजनों पर भी पाबंदी है. सरकार का कहना है कि कोई समूह या व्यक्ति इन नियमों पर अमल न होने की स्थिति में पुलिस को सूचना दे सकता है. नियमों में कहा गया है कि अगर कोई माता-पिता अपने बच्चों को "खतरनाक चरमपंथी या फिर आतंकवादी तरीकों" से दूर रख पाने में सक्षम नहीं हैं तो बच्चों का नाम उस स्कूल से कटाना होगा जहां पढ़ रहे हैं. ऐसे बच्चों को खास स्कूलों में भेजने का प्रावधान किया गया है. स्कूलों को हिदायत है कि वो बच्चों को अलगाववाद और चरमपंथ से दूर रखें ताकि ऐसा माहौल बने जिसमें वो "सत्य और वैज्ञानिक तरीकों से अज्ञानता और अंधविश्वासों से दूर रहें".

शिनचियांग में रहने वाले बहुत से उइगुर लोग इन नियमों को अपनी संस्कृति और धर्म पर पाबंदियां मानते हैं. इन लोगों का कहना है कि चीन के बहुसंख्यक हान समुदाय के लोग उनके इलाके में लाकर बसाए जा रहे हैं और आर्थिक अवसरों के मामले में उनके साथ भेदभाव होता है. उइगुरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ चीन ने कार्रवाई की है. 2014 में एक अर्थशास्त्री इल्हाम तोहोती को अलगाववाद के आरोपों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई. हाल ही में उन्हें एक बड़े मानवाधिकार पुरस्कार से नवाजा गया है.

वहीं चीन की सरकार शिनचियांग में मानवाधिकार हनन के आरोपों से इनकार करती है. उसका कहना है कि उइगुर लोगों के कानूनी, सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों का पूरी तरह संरक्षण हो रहा है. शिनचियांग में हाल के सालों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं. चीन की सरकार इस हिंसा के लिए इस्लामी कट्टरपंथियों और अलगाववादियों को जिम्मेदार मानती है, जबकि मानवाधिकार समूहों का कहना है कि ये हिंसा चीन की दमनकारी नीतियों के जबाव में होती है.

एके/एमजे (रॉयटर्स)