चीनी योद्धाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक यात्रा पर चीन पहुंचे हैं. मोदी की चीन यात्रा को दुनिया की प्रमुख आर्थिक सत्ता बनने की कोशिश कर रहे दोनों देशों के बीच नए संबंधों की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है.
परंपरागत स्वागत
शियान हवाई अड्डे पर परंपरागत ड्रैगन लोक नृत्य के साथ मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. हवाई अड्डे और रास्ते में हिन्दी में भारत और चीन के बीच दोस्ताना संबंधों वाले बैनर लगे थे. "हिन्दी चीनी बहती नदी की अटूट धारा", "हिन्दी चीनी दोस्ती सदियों पुरानी" जैसे नारे प्रधानमंत्री के स्वागत में लिखे गए.
मोदी मोदी के नारे
मोदी हवाई अड्डे से सीधे शंगरीला होटल के लिए रवाना हुए. होटल तक के मार्ग पर सड़कों के दोनों ओर खड़े लोगों ने हाथ हिलाकर मोदी का अभिवादन किया. कई लोगों ने सड़कों पर मोदी मोदी के नारे भी लगाए.
मूर्तियों के बीच मोदी
मोदी शियान शहर के विश्व सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल युद्ध स्मारक वॉरियर्स म्यूजियम देखने गए. यहां चीनी सम्राट हुयांग की सेना के शहीद जवानों की याद में मिट्टी की हजारों मूर्तियां कतारबद्ध तरीके से रखी हुई हैं.
बीजिंग नहीं शियान
शियान राष्ट्रपति शी जिनपिंग का गृहनगर है. यह शहर चीन की चार प्रमुख प्राचीन राजधानियों में से एक रहा है. शियान में एक दिन के प्रवास के दौरान मोदी चीनी राष्ट्रपति के साथ शिखर बैठक करेंगे. यह चीन में पहली बार किसी देश के प्रमुख के साथ चीनी राष्ट्रपति की राजधानी बीजिंग के बाहर बैठक है.
पहला चीन दौरा
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह पहला चीन दौरा है. गत वर्ष भारत यात्रा पर आए चीनी राष्ट्रपति ने मोदी को अपने देश आने का न्योता दिया था. उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर और वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरे पर गए हैं.
बौद्ध मंदिर के दर्शन
प्रधानमंत्री मोदी शियान के प्राचीन दा शिंग शान बौद्ध मंदिर के दर्शन करने भी गए. उनके होटल से लेकर इस मंदिर तक चप्पे चप्पे पर शहर के लोग उनकी एक झलक पाने को आतुर खड़े दिखे.
लोगों से रूबरू
मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री की कारों का काफिला अचानक एक चौराहे पर रुक गया और चीनी पुलिस में अफरातफरी मच गई क्योंकि इस बीच मोदी अपनी कार से उतरकर भीड़ की ओर बढ़ चले.
सुरक्षा का घेरा
मोदी ने भीड़ में लोगों से हाथ भी मिलाया और मोबाइल पर लोगों को तस्वीरें खींचने का मौका भी दिया. मोदी सुरक्षा और भीड़ की परवाह किए बिना लोगों से रूबरू हो रहे थे. भीड़ को देखते हुए चीनी पुलिस ने उनके चारों ओर एक मानवीय घेरा बना दिया ताकि सरकारी मेहमान की सुरक्षा को किसी तरह का जोखिम पैदा न हो.