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चिली में खदान मजदूर के घर पैदा हुई उम्मीद

१५ सितम्बर २०१०

चिली की खदान में फंसे एक मजदूर को मौत से जारी जंग के बीच पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ है. मजे की बात यह है कि उसकी सकुशल वापसी की उम्मीदें संजोए घर वालों ने बच्ची का नाम एस्प्रांजा रखा है.इसका अर्थ है उम्मीद.

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तस्वीर: AP

खदान मजदूर एरियल टिकोना उन 32 मजदूरों में से एक है जो पिछले 5 सप्ताह से 700 मीटर गहरी खदान में फंसा है. हांलांकि टिकोना को अपनी नवजात बेटी को गोद में उठाने का असीम सुख मिलने में अभी कम से कम तीन महीने तक इंतजार करना पड़ेगा.

खदान धंसने के कारण एक अस्थाई शेल्टर में पनाह लिए मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए एक नई सुरंग खोदनी पड़ रही है. अमेरिकी अंतिरिक्ष एजेंसी नासा के सहयोग से चल रहे इस काम को पूरा होने में अभी 3 से 4 महीने लगेंगे.

टिकोना के परिजनों ने बताया कि उसकी पत्नी एलिजाबेथ ने कैंप होप के नाम पर बच्ची का यह नाम रखा है. केंप होप उस जगह का नाम है जहां से मजदूरों को निकालने के लिए नई सुरंग खोदी जा रही है और इसी जगह पर मजदूरों परिवार वाले डेरा डालकर रह रहे हैं. एलिजाबेथ ने पति को बेटी का एक वीडियो फुटेज भी भेजने का फैसला किया है जिससे उसे साहस और धैर्य के साथ इस संकट से निपटने की ताकत मिल सके.      

होप केंप के पास ही मौजूद एक अस्पताल में बच्ची को जन्म देने वाली एलिजाबेथ कहती है, "मैं अकेले ही इस समय को टिकोना के इंतजार में काट सकती हूं उसे सिर्फ सांत्वना भरे पत्र भेजना जारी रखना होगा." एलिजाबेथ ने बताया कि उसके बच्चे पिता से टेलीफोन पर प्रतिदिन बात करते हैं इससे हम दोनों को ताकत मिलती है.. हालांकि टिकोना की मां को बेटी के जन्म के समय उसके पिता का मौजूद न होने का मलाल है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/निर्मल

संपादनः आभा एम