चिदंबरम: मेरे पास सीमित जनादेश है
१८ मई २०१०सोमवार को नक्सलियों ने फिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में हमला किया. उन्होंने आम लोगों को ले जा रही एक बस को धमाके से उड़ा दिया. हमले में कम से कम 36 लोग मारे गए हैं जिनमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. ये विशेष पुलिस अधिकारी स्थानीय लोग होते हैं जिन्हें माओवादियों से लड़ने के लिए भर्ती किया गया है.
हमले के कुछ घंटों बाद गृह मंत्री ने कहा, "मैं उसी जनादेश को लागू कर सकता हूं जो मुझे दिया गया है. मैं मानता हूं कि व्यक्तिगत बयानों से एक सामूहिक फैसला कहीं बेहतर है."
चिदंबरम नक्सलियों से निपटने के लिए कुछ राज्यों की तरफ से वायु सेना का इस्तेमाल किए जाने की मांग से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे. वैसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी वायु सेना के इस्तेमाल के हक में नहीं है.
जब चिदंबरम से पूछा गया कि क्या वह नक्सलियों के खिलाफ अभियान में वायु सेना का इस्तेमाल चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल और मुख्यमंत्री ऐसा चाहते हैं. चिदंबरम ने बताया कि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि नक्सल विरोधी अभियान में वायु सेना की मदद ली जाए. गृह मंत्री के मुताबिक उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को भरोसे में लेने की कोशिश की.
जब चिदंबरम से पूछा गया कि क्या वह इस बात से नाखुश है कि उन्हें सीमित जनादेश ही दिया गया है तो उन्होंने कहा, "मैंने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी के सामने और व्यापक जनादेश का मुद्दा उठाया. मेरे पास सीमित जनादेश है. इस बारे में प्रधानमंत्री से भी मेरी बात हुई है." चिदंबरम ने कहा कि नक्सली केंद्र और राज्य सरकार के सुरक्षा बलों में अंतर नहीं करते. वे तो सिर्फ खून बहाते हैं.
सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर की दूरी पर नक्सलियों ने एक बस को उड़ा दिया. यह बस दंतेवाड़ा से सुकमा जा रही थी. मरने वालों में 12 विशेष पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. सीआरपीएफ के विशेष निदेशक विजय रामन का कहना है कि धमाका बहुत जबरदस्त था इसलिए मरने वालों की संख्या 50 तक भी पहुंच सकती है. उधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिहं ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आग्रह करेंगे कि नक्सलियों से निपटने की रणनीति पर फिर से विचार किया जाए.
आम लोगों को ले जा रही बस पर नक्सलियों का यह इस तरह का पहला हमला है. हालांकि पिछले महीने दंतेवाड़ा में ही माओवादियों ने घात लगाकर का एक बड़ा हमला किया जिसमें सीआरपीएफ के 75 जवानों और एक पुलिसकर्मी की मौत हुई. सोमवार को हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय की एक बैठक बुलाई गई जिसके बाद गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा कि जिस तरह माओवादी आम लोगों की हत्या कर रहे हैं उससे पता चलता है कि उनकी नजर में लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़